नैनीताल, 23 जुलाई (Udaipur Kiran) । इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) ने जुलाई 2024 के सत्र से एमए में भगवद्गीता के अध्ययन का नया पाठ्यक्रम शुरू किया है। इग्नू के क्षेत्रीय केंद्र देहरादून के क्षेत्रीय समन्वयक डॉ. ललित तिवारी ने बताया कि भगवद्गीता भारतीय ज्ञान परम्परा का सार ग्रन्थ है। इसमें भारतीय चिन्तन परम्परा का समस्त ज्ञान निहित है। यह एक निर्विवाद ज्ञानग्रन्थ है, जिसमें ब्रह्मसूत्र, षड्दर्शन व उपनिषद् के ज्ञान के साथ-साथ वैज्ञानिक और सांस्कृतिक ज्ञान समाहित है।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मान्य शिक्षा मार्गों, विषयों और विविध ज्ञान-विज्ञान के पक्षों को समाज के सभी वर्गों की शिक्षा के लिए प्रस्तुत करना भी इस कार्यक्रम का प्रयोजन है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस कार्यक्रम से भारतीय विद्याओं के मर्म को पूरी तरह समझकर प्रायोगिक ज्ञान के साथ श्रेष्ठ व्यक्तित्व सम्पन्न शिक्षित नागरिक का निर्माण भगवद्गीता से सम्भव हो सकेगा। उन्होंने बताया कि किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक की परीक्षा में उत्तीर्ण शिक्षार्थी इस कार्यक्रम में प्रवेश के लिए आवेदन कर सकते हैं। कुल 80 क्रेडिट के इस कार्यक्रम का माध्यम हिंदी है। कार्यक्रम को पूर्ण करने की न्यूनतम अवधि 2 वर्ष एवं अधिकतम 4 वर्ष निर्धारित की गयी है।
(Udaipur Kiran) / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी कुमार सक्सैना