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
धमतरी, 27 दिसंबर (Udaipur Kiran) । धमतरी जिले के नगरी ब्लाक में गजपाल परिवार द्वारा आयोजित भागवत कथा के अंतिम दिन शुक्रवार को श्रीमद् भागवत का रसपान करने के लिए भक्त उमड़ पड़े। कथावाचक मुकेश दीक्षित महासमुंद ने कई प्रसंगों का विस्तार से वर्णन किया। वहीं सुदामा चरित्र की कथा का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि सुदामा संसार में सबसे अनोखे भक्त रहे हैं। वह जीवन में जितने गरीब नजर आए, उतने वे मन से धनवान भी थे। उन्होंने अपने सुख व दुखों को भगवान की इच्छा पर सौंप दिया था। सुदामा, भगवान श्रीकृष्ण से जब मिलने आए तो भगवान श्रीकृष्ण ने सुदामा के फटे कपड़े नहीं देखे, बल्कि मित्र की भावनाओं को देखा। मनुष्य को अपना कर्म नहीं भूलना चाहिए। अगर सच्चा मित्र है तो श्रीकृष्ण और सुदामा की तरह होना चाहिए। सत्ता पाकर व्यक्ति को घमंड नहीं करना चाहिए। श्रीकृष्ण और सुदामा मिलन का प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। कथा में बड़ी संख्या में महिला-पुरुष पहुंच कथा का रसपान किया।
गुरु के बिना ज्ञान की प्राप्ति नहीं हो सकती : पंडित आकाश मिश्रा
धमतरी ब्लाक के ग्राम कसही में आयोजित श्रीमद भागवत में कथाकार पंडित आकाश मिश्रा महासमुंद वाले ने गुरु की महिमा का बखान किया और कहा कि गुरु के बिना ज्ञान की प्राप्ति नहीं होती। भक्त प्रह्लाद ने ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप कर भगवान विष्णु का दर्शन प्राप्त किया। यदि भक्ति सीखनी है, तो प्रह्लाद के जीवन चरित्र को आत्मसात करें। उन्होंने अपने विश्वास और भक्ति से भगवान विष्णु को पाया। भागवत सुनने बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा
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