जयपुर, 7 सितंबर (Udaipur Kiran) । किडनी स्टोन और प्रोस्टेट से जुड़ी समस्याओं का इलाज अब वर्ल्ड क्लास तकनीक से होगा। मानसरोवर स्थित मंगलम प्लस मेडिसिटी हॉस्पिटल में प्रदेश की पहली अत्याधुनिक लेजर मशीन स्थापित हुई है जो किडनी के किसी भी कोने में बनी पथरी को बिना सर्जरी के निकाला जा सकता है। आरजीएचएस की प्रोजेक्ट डायरेक्टर शिप्रा विक्रम ने शनिवार काे इस मशीन का उद्घाटन किया।
इस मौके कर हॉस्पिटल के डायरेक्टर नेहा गुप्ता और अजय गुप्ता ने कहा कि नई तकनीक से सिर्फ राजस्थान ही नहीं बल्कि आस पास के राज्यों के लोगों को भी बहुत राहत मिलेगी।
हॉस्पिटल के सीनियर यूरोलॉजिस्ट डॉ. नितिन नेगी ने इस तकनीक के बारे में विस्तार से बताया कि इस मशीन में 150 वॉट की होलियम लेजर तकनीक है। किडनी स्टोन के इलाज के लिए लचीला यूरेट्रोस्कोप का इस्तेमाल किया जाता है जो 270 डिग्री तक मुड़ सकता है। पेशाब मार्ग से लेकर ऊपर किडनी तक का रास्ता कई जगह से घुमावदार होता है। इस यूरेट्रोस्कोप से आसानी से पहुंच सकते हैं। इससे किडनी में किसी भी जगह पथरी होती है तो लेजर से उस पथरी का बारीक चूरा बनाकर उसे पेशाब के रास्ते निकाला जा सकता है।
अधिक वजन के प्रोस्टेट का भी आसानी से इलाज –
बढ़े हुए प्रोस्टेट पारंपरिक तौर पर दूरबीन से इलाज होता था। लेकिन अब न्यूक्लीशन मैथड से इसका इलाज होता है। हाई वोल्टेज की मशीन इसके इलाज में फायदेमंद है जिससे तेजी से प्रोस्टेट सर्जरी की जा सकती है। सामान्य सर्जरी में 75 ग्राम से ज्यादा वजन के प्रोस्टेट की सर्जरी संभव नहीं थी लेकिन इस तकनीक से ऐसे मरीज जिनके प्रोस्टेट 150 से 200 ग्राम तक भी होते हैं, उनकी सर्जरी संभव है। इसके अलावा ब्लैडर और किडनी कैंसर का इलाज भी इस मशीन से किया जा सकता है।
नई तकनीक के कई फायदे
इस अत्याधुनिक पद्धति में मरीज की न तो चीरफाड़ करनी पड़ती है और न ही कोई छेद करना पड़ता है। इस पद्धति में ऑपरेशन के 24 घंटे बाद मरीज को घर भेज दिया जाता है और वह 48 घंटे बाद वह पूर्व की तरह अपने कामकाज कर सकता है। प्रोसीजर के दौरान भी मरीज को न तो ब्लड लॉस होता है और न ही किडनी पर कोई असर पड़ता है। इसमें इंफेक्शन के भी कोई चांस नहीं हैं।
(Udaipur Kiran)