
मुंबई ,27मार्च ( हि. स.) । हालांकि हर साल ठाणे नगर निगम मानसून के मौसम से पहले मई और जून के महीनों में पेड़ों की खतरनाक शाखाओं की छंटाई करता है। लेकिन, मानसून के मौसम में तूफान और अन्य प्राकृतिक विपदा से कुछ पेड़ उखड़ जाते हैं, जिससे नागरिकों के जीवन और संपत्ति को खतरा पैदा हो जाता है। इस पृष्ठभूमि पर ठाणे नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त संदीप मालवी ने बताया कि संभावित खतरों से बचने के लिए वे टीएमसी को सूचित करें जबकि इस वर्ष खतरनाक शाखाओं को हटाने का अभियान निर्धारित समय से दो महीने पहले यानी मार्च से ही शुरू कर दिया गया है।
ठाणे मनपा अतिरिक्त आयुक्त संदीप मालवी ने आज पत्रकारों को बताया कि नगर निगम आयुक्त सौरभ राव के निर्देशानुसार शहर की प्रमुख सड़कों, फुटपाथों, सार्वजनिक स्थानों, स्कूलों, अस्पतालों, पार्कों, चौराहों, बस स्टॉप और आवासीय क्षेत्रों से खतरनाक शाखाओं की छंटाई की जा रही है। यह छंटाई तकनीकी दृष्टिकोण से की जा रही है, जिसमें बरसात के मौसम में बिजली के तारों और पेड़ की शाखाओं के संपर्क से होने वाली दुर्घटनाओं की संभावना को ध्यान में रखा गया है। इसके लिए वार्ड समितिवार सर्वेक्षण किया गया है और लगभग 6,367 पेड़ों की खतरनाक शाखाओं को हटाया जा रहा है।
ठाणे मनपा अतिरिक्त आयुक्त संदीप मालवी ने आज विस्तार से पत्रकारों को बताया कि नौपाड़ा-कोपरी क्षेत्र में (954), उथलसर (798), लोकमान्य नगर-सावरकर नगर (787), वागले (737), माजीवाड़ा-मनपाड़ा (1091), वर्तकनगर (1301), कलवा (423), मुंब्रा और दिवा के क्षेत्रों में (276) में पेड़ों का सर्वेक्षण किया गया है। इसके अलावा अब तक करीब 150 सूखे पेड़ों की पहचान की जा चुकी है और कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही उन पेड़ों को भी काट दिया जाएगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि नागरिकों को गर्मियों के दौरान पेड़ों की छाया का अधिकतम लाभ मिले तथा पेड़ों की प्राकृतिक वृद्धि बरकरार रहे, केवल आवश्यक स्थानों पर ही खतरनाक शाखाओं की छंटाई की जा रही है। इस दौरान अपर आयुक्त मालवी ने यह भी स्पष्ट किया कि पेड़ों पर पक्षियों के घोंसलों और अन्य जैव विविधता की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
वृक्ष प्राधिकरण विभाग के माध्यम से उत्पन्न हरित अपशिष्ट को एकत्र कर वैज्ञानिक पद्धति से जैविक खाद बनाने के लिए कोपरी स्थित ठाणे नगर निगम के हरित अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र में भेजा जा रहा है।
यह अभियान सिर्फ पेड़ों की छंटाई तक सीमित नहीं है, बल्कि शहर के हरित क्षेत्रों को संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अतिरिक्त आयुक्त मालवी ने कहा है कि नागरिक इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग लें तथा शहर के पर्यावरण को संरक्षित करने में सहयोग करें।
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(Udaipur Kiran) / रवीन्द्र शर्मा
