रांची, 24 जुलाई (Udaipur Kiran) । झारखंड हाई कोर्ट ने पलामू एवं गढ़वा में सिंचाई के लिए प्रस्तावित कनहर बराज परियोजना को पूरा करने में आठ साल मांगे जाने पर कड़ी नाराजगी जताई है। कोर्ट ने बुधवार काे सुनवाई के दाैरान मौखिक कहा कि प्रतीत होता है कि राज्य सरकार कनहर बराज प्रोजेक्ट को आगे नहीं बढ़ाना चाहती है। यदि ऐसा है तो राज्य सरकार को इस प्रोजेक्ट को बंद कर देना चाहिए।
कोर्ट ने कहा कि वर्ष 2010 में भी राज्य सरकार की ओर से इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए पांच साल की समय की मांग की गई थी और अब वर्ष 2024 में भी आठ साल का समय मांगा जा रहा है, ऐसा क्यों है? क्या वर्ष 2010 में दूसरी सरकार थी और अब कोई दूसरी सरकार है, जो इस प्रोजेक्ट पर ध्यान नहीं दे रही है? इससे पहले राज्य सरकार की ओर से कनहर बराज परियोजना को पूरा करने के लिए आठ साल की मांग की गई थी।
कोर्ट को सरकार की ओर से बताया गया कि कनहर बराज के लिए जमीन अधिग्रहण, वन भूमि का क्लीयरेंस, इस प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार से मिलने वाली राशि लेने आदि में कई वर्ष लग जाएगा। कोर्ट ने कहा कि यह प्रोजेक्ट गढ़वा एवं पलामू जिले के लोगों को पानी मुहैया कराने के लिए है। यहां सुखाड़ जैसी स्थिति प्रतिवर्ष रहती है। सरकार को प्राथमिकता देते हुए ऐसे इलाकों में सिंचाई एवं पीने का पानी की व्यवस्था की जानी चाहिए थी।
पिछले सुनवाई में मामले में कोर्ट के आदेश पर मुख्य सचिव, जल संसाधन सचिव, वन सचिव और वित्त सचिव हाजिर हुए थे। कोर्ट ने उनसे मौखिक कहा था कि वर्ष 2020 में राज्य सरकार ने पांच साल में इस परियोजना को पूरी होने का टाइमलाइन दिया था लेकिन काम आगे नहीं बढ़ा है। कोर्ट ने मुख्य सचिव को कनहर बराज परियोजना पूरा करने को लेकर टाइम फ्रेम प्रस्तुत करने को कहा था। गढ़वा, पलामू के लोगों को पानी उपलब्ध करने के लिए कनहर बराज बनवाने का आग्रह करते हुए हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है।
(Udaipur Kiran) / शारदा वन्दना / चन्द्र प्रकाश सिंह