
काठमांडू, 08 अप्रैल (Udaipur Kiran) । नेपाल में राजशाही के पुनर्बहाली के लिए आंदोलन का नेतृत्व कर रहे राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (आरपीपी) के नेताओं ने वर्तमान सरकार और अन्य राजनीतिक दलों को चेतावनी दी है कि अगर समय रहते उनकी आवाज को नहीं सुनी गई तो नेपाल में भी श्रीलंका और बांग्लादेश जैसी नौबत आ सकती है।
मंगलवार को आरपीपी द्वारा राजधानी काठमांडू में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए पार्टी के नेताओं ने राजशाही के पक्ष में जल्द से जल्द पुनर्विचार करने की बात कही। सभा को संबोधित करते हुए आरपीपी के वरिष्ठ नेता तथा सांसद दीपक बहादुर सिंह ने वर्तमान सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री और मंत्रियों को बांग्लादेश और श्रीलंका में सत्ता पर बैठे नेताओं को सब कुछ छोड़ कर भागने की घटना को याद करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर सत्ता के नशे में चूर शासक जनता की आवाज को नहीं सुनती है तो फिर जनता को शासक के महल पर कब्जा करते देर नहीं लगती।
आरपीपी के सभा को संबोधित करते हुए पार्टी के एक अन्य बड़े नेता पशुपति शमशेर राणा ने कहा कि देश की जनता राजशाही को वापस लाना चाहती है, इसलिए जनता की भावना को स्वीकार कर इस पर वार्ता शुरू करनी चाहिए। राणा ने कहा कि अगर जनता की आवाज को दबाया जाता है तो फिर ऐसे सरकार और ऐसे नेताओं से जनता सीधा हिसाब भी करना जानती है।
उन्होंने आगे कहा कि काठमांडू के जिस स्थान पर पहले सभा होनी थी वहां सभा की अनुमति नहीं देकर ओली सरकार ने तानाशाही रवैया दिखाया है। उनका कहना है कि हमारी सभा को विफल करने के लिए सरकार ने शहर के बाहर सभा की अनुमति दी लेकिन हमारे समर्थकों और आम जनता की हजारों की उपस्थिति ने सरकार के षडयंत्र को विफल कर दिया।
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(Udaipur Kiran) / पंकज दास
