मुंबई, . 1 अगस्त ( हि.स.) ।मुंबई-नासिक राजमार्ग पर सबवे, फ्लाईओवर जैसे कार्यों के साथ-साथ गड्ढों के कारण होने वाले ट्रैफिक जाम से नागरिकों को राहत दिलाने के लिए सभी प्रकार के उपाय युद्ध स्तर पर लागू किए जाने चाहिए। राज्य सरकार के माध्यम से सभी आवश्यक सहायता उपलब्ध करायी जायेगी। हालाँकि, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने आज लोक निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि यदि अगले 10 दिनों में इस राजमार्ग पर यातायात सुचारू नहीं हुआ तो जिम्मेदार अधिकारी को निलंबित कर दिया जाए।
मुंबई-नासिक राजमार्ग के सुधार को लेकर उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की अध्यक्षता में मंत्रालय में उनके समिति कक्ष में एक बैठक आयोजित की गई। बैठक में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल, विधायक रईस शेख, योजना विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजगोपाल देवड़ा, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ओ.पी. गुप्ता, लोक निर्माण विभाग की अपर मुख्य सचिव मनीषा म्हैसकर, राज्य सड़क विकास निगम के प्रबंध निदेशक अनिल गायकवाड, सचिव (निर्माण) संजय दशपुते, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के क्षेत्रीय अधिकारी अंशुमाली श्रीवास्तव, ठाणे राजमार्ग सुरक्षा विभाग के पुलिस अधीक्षक मनोहर दहिकर आदि उपस्थित थे। जबकि लोक निर्माण मंत्री दादाजी भुसे, विधायक देवयानी फरांडे, दिलीप बनकर, हीरामन खोसकर सहित संबंधित एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों ने वीडियो सिस्टम के माध्यम से भाग लिया।
उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा, मुंबई-नासिक राजमार्ग उत्तर महाराष्ट्र को राज्य की राजधानी से जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण और प्रमुख सड़क है। इसलिए इस राजमार्ग पर भारी मात्रा में वाहनों का आवागमन रहता है। फिलहाल इस हाईवे पर आसनगांव, वाशिंद और कुछ अन्य जगहों पर फ्लाईओवर का काम चल रहा है। बारिश के कारण हाईवे पर जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। इससे वाहन चालकों को काफी परेशानी हो रही है और नासिक और मुंबई के बीच यात्रा का समय 8 से 10 घंटे तक पहुंच गया है. तीन घंटे की दूरी तय करने में यात्रियों को दोगुने से भी ज्यादा समय लग रहा है और उन्हें आर्थिक और मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है,। यह बेहद गंभीर है और इस हाईवे की युद्ध स्तर पर मरम्मत की जरूरत है. यदि समय रहते हाईवे के गड्ढे भर दिए जाएं तो वाहनों की गति बढ़ाई जा सकती है और समय भी बचाया जा सकता है। लेकिन देखने में आ रहा है कि इस हाईवे के ठेकेदार से गलती हो गई है. राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारी, जन प्रतिनिधि संयुक्त निरीक्षण करें तथा ड्रोन के माध्यम से गड्ढे वाली सड़कों का वीडियो बनायें। इसके बाद उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने गड्ढे भरने और हाईवे की मरम्मत होने तक इस हाईवे पर टोल वसूली बंद करने का प्रस्ताव देने का निर्देश दिया.
उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने आगे कहा कि पिछले कुछ वर्षों से मुंबई-नासिक राजमार्ग पर उन्नयन, चौड़ीकरण, फ्लाईओवर, सबवे जैसे विभिन्न कार्य चल रहे हैं। बरसात के दिनों में हाईवे पर गड्ढे हो जाते हैं और उन्हें समय पर नहीं भरा जाता। कार्य स्थल पर निर्मित बायपास सड़कों की गुणवत्ता, गड्ढों एवं यातायात नियंत्रण संबंधी त्रुटियों का समाधान करने की आवश्यकता है। इसलिए, राजमार्गों पर यातायात की भीड़ को खत्म करने के लिए तत्काल उपायों को लागू करने के लिए लोक निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को समन्वय की जिम्मेदारी दी गई है। उन्हें राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम, लोक निर्माण विभाग, यातायात पुलिस, भिवंडी, कल्याण और नासिक नगर आयुक्तों जैसी संबंधित एजेंसियों के समन्वय से अगले 10 दिनों के भीतर उपायों को लागू करना चाहिए।
उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने मुंबई-नासिक राजमार्ग पर तत्काल कदम उठाने का सुझाव देते हुए कहा कि ज्यादातर समय ट्रैफिक जाम में वाहनों के खराब होने के कारण पीछे की ओर वाहनों की कतारें लग जाती हैं। क्षतिग्रस्त वाहन को तुरंत हटाया जाना चाहिए। इसके लिए आवश्यक 40 टन क्रेन परिवहन पुलिस द्वारा उपलब्ध करायी जाय। इसके लिए एनएचएआई और एमएसआरडीसी को ट्रैफिक पुलिस को फंड मुहैया कराना चाहिए। भीड़भाड़ वाले समय में ट्रैफिक जाम होने पर ड्रोन से नियंत्रण कर आवश्यक उपाय किये जायें। कुशल परिवहन प्रणाली के लिए इस राजमार्ग पर यातायात की नियमित रूप से ड्रोन द्वारा निगरानी की जानी चाहिए।
(Udaipur Kiran) / रवीन्द्र शर्मा यादव