जम्मू, 09 जनवरी (Udaipur Kiran) । जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को कहा कि इंडिया गठबंधन के लिए कोई समय सीमा नहीं है। उन्होंने इसके नेतृत्व और एजेंडे के बारे में स्पष्टता की कमी पर निराशा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि अगर यह गठबंधन केवल संसदीय चुनावों के लिए है तो इसे समाप्त कर देना चाहिए।
अब्दुल्ला ने गुरुवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि दिल्ली में विधानसभा चुनावों के बाद उन्हें सभी गठबंधन सदस्यों को बैठक के लिए बुलाना चाहिए। अगर यह गठबंधन केवल संसदीय चुनावों के लिए है तो इसे समाप्त कर देना चाहिए और हम अलग-अलग काम करेंगे, लेकिन अगर यह विधानसभा चुनावों के लिए भी है तो हमें एक साथ बैठकर सामूहिक रूप से काम करना होगा। अब्दुल्ला ने कहा कि आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दल तय करेंगे कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ प्रभावी ढंग से कैसे मुकाबला किया जाए।
उमर अब्दुल्ला राजद नेता के इस बयान के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे कि इंडिया ब्लॉक केवल लोकसभा चुनावों के लिए है। उन्होंने कहा कि जहां तक मुझे याद है इसके लिए कोई समय सीमा तय नहीं की गई थी। मुद्दा यह है कि इंडिया ब्लॉक की कोई बैठक नहीं बुलाई जा रही है। उन्होंने दावा किया कि मुख्य नेतृत्व, पार्टी या भविष्य की रणनीति (इंडिया ब्लॉक में) के एजेंडे के बारे में कोई स्पष्टता नहीं है। उन्होंने कहा कि यह गठबंधन जारी रहेगा या नहीं, यह भी स्पष्ट नहीं है। अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि शायद दिल्ली चुनाव के बाद इंडिया ब्लॉक के सदस्यों को बैठक के लिए बुलाया जाएगा और स्पष्टता सामने आएगी।
अगले महीने होने वाले दिल्ली चुनाव से पहले आप के लिए बढ़ते समर्थन पर एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मैं इस बारे में अभी कुछ नहीं कह सकता, क्योंकि दिल्ली चुनाव से हमारा कोई लेना-देना नहीं है। आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दल तय करेंगे कि भाजपा से मजबूती से कैसे मुकाबला किया जाए। दिल्ली में आप को पहले दो बार सफलता मिली है इसका उल्लेख करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि इस बार हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा कि दिल्ली की जनता क्या फैसला करती है।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा गुरुवार को नव-निर्वाचित विधायकों के लिए एक ओरिएंटेशन कार्यक्रम आयोजित कर रही है। उमर ने कहा कि हममें से कई लोग पहले भी इस सदन के सदस्य रहे हैं, लेकिन वह तब की बात है जब जम्मू-कश्मीर एक राज्य था। आज व्यवस्था अलग है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें यह समझने की जरूरत है कि हम कैसे काम करने जा रहे हैं और इस विधानसभा की शक्तियां क्या हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस प्रणाली की प्रक्रियाओं से सभी को परिचित कराने के लिए स्पीकर ने ओरिएंटेशन प्रोग्राम का आयोजन किया है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा के उपसभापति ने भी इस अभ्यास में भाग लिया। मेरा मानना है कि वरिष्ठ सदस्यों का अनुभव फायदेमंद साबित होगा। आने वाले सत्रों में विधायक लोगों का बेहतर प्रतिनिधित्व करेंगे और उनके मुद्दों को प्रभावी ढंग से उठाएंगे।——————–
(Udaipur Kiran) / बलवान सिंह