मुरैना, 10 नवंबर (Udaipur Kiran) । जिले में बाल विवाह को रोकने के लिए सख्त एवं कड़े निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए उडऩदस्तों का भी गठन कर दिया गया है। यदि कहीं बाल विवाह की सूचना मिलती है तो ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में गठित निरीक्षण दल व उडऩदस्ते तत्काल कार्यवाही करेंगे। वन स्टॉप सेंटर तथा सभी परियोजना कार्यालय को भी कंट्रोल रूम बनाते हुए बाल विवाह रोकथाम के लिए कड़े दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। जिसके अंतर्गत जानकारी होने के बावजूद बाल विवाह में सम्मिलित धर्म गुरु, आयोजन प्रिंटिंग एसोसिएट, बैंड बाजा वाले और टेंट वाले सभी इसके दायरे में आएंगे, नियम अनुसार और कानूनी रूप से भी बाल विवाह पर पूर्णतया रोक लगाई गई है। इसके बावजूद मुरैना में बाल विवाह के प्रकरण सामने आते रहते हैं, जिन पर प्रशासनिक कार्यवाही की जाती है।
बाल विवाह की रोकथाम के लिए शनिवार को जनपद पंचायत मुरैना के सभागार में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत जिला स्तरीय बाल विवाह की रोकथाम एवं जागरूकता हेतु सेवा प्रदाताओं की कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें विवाह संपन्न करवाने वाले पंडित, बैंड बाजा वाले, टेंट वाले हलवाई, प्रिंटिंग प्रेस, धर्म गुरु सभी प्रकार की सेवा प्रदाताओं को बुलाकर बाल विवाह न करवाने हेतु आग्रह किया गया। बाल विवाह एक सामाजिक कुरीति है, इसको रोकने के लिए कड़ी से कड़ी कार्यवाही बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अंतर्गत की जाती है। जनपद पंचायत के सभागार में सभी सेवा प्रदाताओं की कार्यशाला के अंतर्गत प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी मनीष सिंह, परियोजना अधिकारी निशा शंखवार द्वारा सभी सेवा प्रदाताओं को बाल विवाह न करवाने एवं उनमें सम्मिलित न होने हेतु आग्रह किया गया। वन स्टॉप सेंटर की प्रशासक अपूर्वा चौधरी के मार्गदर्शन में वन स्टॉप सेंटर को कंट्रोल रूम बनाया गया है। शिकायतकर्ता वन स्टॉप सेंटर के संपर्क क्रमांक 07532-230021 या चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर बाल विवाह की शिकायत दर्ज करा सकता है। जहां पर बाल विवाह की सूचना मिलते ही त्वरित कार्यवाही करते हुए विवाह को शून्य घोषित कराया जाएगा।
(Udaipur Kiran)
(Udaipur Kiran) / शरद शर्मा