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आईडीएफ प्रवक्ता शोशानी ने याद की ‘वो’ रात…जिसने सब कुछ बदल दिया

आतंकी संगठन हमास के साथ युद्ध में अपना सर्वोच्च बलिदान करने वाले इजराइल के सैनिकों का यह स्मारक रीम के पास है। यहां रविवार को इन सभी की स्मृति में शोक सभा का आयोजन किया। फोटो-इंटरनेट मीडिया

तेल अवीव, 07 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । इजराइल की सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल नादव शोशानी ने सालभर पहले की ‘वो’ वीभत्स रात याद की। सनद रहे यह 07 अक्टूबर 2023 की वही रात है, जब आतंकी संगठन हमास ने उस (इजराइल) पर हमलाकर 1200 से अधिक लोगों की जान ली और 251 निर्दोष व्यक्तियों को बंधक बनाकर युद्ध के लिए ललकारा।

इजराइली सुरक्षा बलों (आईडीएफ) के आधिकारिक एक्स हैंडल में लेफ्टिनेंट कर्नल नादव शोशानी ने लिखा है, ” 1,200 से अधिक लोग छुट्टियों के भोजन के बाद हमेशा-हमेशा के लिए सो गए। किसी पार्टी में जाने के लिए अपने घरों से निकले लोगों को नहीं पता था कि अगले दिन उनका जीवन समाप्त हो जाएगा।” उन्होंने लिखा, ” 251 लोगों ने अपनी रात शांति से बिताई। उन्हें नहीं पता था कि अगली सुबह उन्हें आतंकवादी बंधक बना लेंगे। यह रात हमारी दुनिया हमेशा के लिए बदलने से पहले की आखिरी रात थी।”

अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन देंगे श्रद्धांजलि

द टाइम्स ऑफ इजराइल ने अमेरिकी राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास व्हाइट हाउस के हवाले से कहा है कि राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रथम महिला जिल बाइडेन हमास के सात अक्टूबर के आतंकवादी हमले के साल पूरे होने पर सुबह याहरजिट में बने स्मारक में मोमबत्ती जलाकर दिवंगत लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। व्हाइट हाउस के एक अधिकारी का कहना है कि उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और सेकेंड जेंटलमैन डौग एम्हॉफ अपने नौसेना वेधशाला निवास पर अनार का पौधा रोपकर मारे गए बंधकों के प्रति सम्मान प्रकट करेंगे।

युद्ध संवाददाता का मत- संघर्ष विराम का रास्ता अनिश्चित

द न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार पिछले साल हमास के हमले के बाद छिड़ी जंग में कम से कम 41,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं। अब यह लड़ाई तीन मोर्चों तक फैल गई है। संघर्ष विराम तक पहुंचने का रास्ता अनिश्चित है। इस अमेरिकी अखबार ने यरूशलम से युद्ध की रिपोर्टिंग कर रहे युद्ध संवाददाता इसाबेल केर्शनर के हवाले से यह टिप्पणी की है। इसाबेल ने कहा है कि अब तक इजराइल गंभीर है। युद्ध समाप्त होने के आसार नहीं दिख रहे। यह युद्ध आने वाले और अधिक कठिन दिनों का संकेत देता है। यह अथाह पीड़ा पहुंचाने वाला है। इस दुख के बीच यहां उत्सव के लिए कोई जगह नहीं है।

(Udaipur Kiran) / मुकुंद

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