
रांची, 28 मार्च (Udaipur Kiran) । झारखंड सरकार और द नज इंस्टिट्यूट के संयुक्त प्रयास से शुरू की गई द नज इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव फेलोशिप (आईएएफ) राज्य के प्रमुख विभागों में तेजी से कार्य कर रही है। फेलोशिप का उद्देश्य नीति सुधार, परियोजना प्रबंधन और नई तकनीक के ज़रिए शासन व्यवस्था को और अधिक प्रभावी और जवाबदेह बनाना है।
इस संबंध में वित्त विभाग के सचिव प्रशांत कुमार ने शुक्रवार काे बताया कि यह फेलोशिप झारखंड सरकार की प्रशासनिक क्षमता को और अधिक सशक्त बनाएगी। उन्होंने कहा कि शासन को कुशल, प्रभावी और नवीन दृष्टिकोण देने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है। हमें विश्वास है कि इन फेलोशिप का योगदान नीतिगत सुधारों और सरकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में सहायक होगा।
उन्होंने कहा कि आईएएफ के तहत नियुक्त ये सभी सहयाेगी 20 से अधिक वर्षों का निजी क्षेत्र का अनुभव रखते हैं। उनका उद्देश्य अपने विशेषज्ञता का उपयोग कर सरकारी तंत्र को और अधिक प्रभावी बनाना है, जिससे राज्य के समावेशी और सतत विकास को बल मिल सके। फेलोशिप के शुरुआती दो महीनों में इन सहयाेगियाें ने विभागीय टीमों के साथ मिलकर प्रक्रियाओं का विश्लेषण, डेटा समीक्षा और सुधार एजेंडों की पहचान की है। आने वाले महीनों में ये सहयाेगी विभिन्न परियोजनाओं का प्रगति को बढ़ाने की दिशा में काम करेंगे।
उल्लेखनीय है कि द नज इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव फेलोशिप तीन को रांची स्थित प्रोजेक्ट भवन में झारखंड सरकार के वित्त विभाग के सचिव प्रशांत कुमार (आईएएस) की उपस्थिति में लॉन्च की गई थी। इस फेलोशिप का प्रमुख उद्देश्य नीति निर्माण को मजबूत करना,
योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में तेजी लाना, विभागीय कार्यप्रणाली में नयेपन और तकनीक का उपयोग बढ़ाना और शासन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है।
—————
(Udaipur Kiran) / Vinod Pathak
