फिरोजाबाद, 17 नवम्बर (Udaipur Kiran) । आचार्य प्रमोद कृष्णन ने कहा कि मैं राष्ट्र और सनातन के लिए समर्पित रहूंगा। स्वामी दयानंद सरस्वती में शिव की भांति विषपान करने की क्षमता, राम की मर्यादा और कृष्ण की दूरदर्शिता का समिश्रण था, भारतीय समाज को जात-पात और ऊंच-नीच के जहर से बाहर निकालकर उन्होंने ज्ञान के दीप को प्रज्वलित करने का कार्य किया। इस रूप में उनका योगदान अमूल्य है।
आचार्य प्रमोद कृष्णन 16 से 18 नवंबर तक सिरसागंज में आयोजित आर्य धर्म महासम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि व्यक्ति बड़ा नहीं होता उसका भाव, उसका संकल्प बड़ा होता है, इस आयोजन में पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने जो भाव प्रदर्शित किया है वह उनकी विराट सोच को दर्शाता है। मैं राष्ट्र और सनातन के लिए समर्पित रहूंगा। स्वामी दयानंद सरस्वती में शिव की भांति विषपान करने की क्षमता, राम की मर्यादा और कृष्ण की दूरदर्शिता का समिश्रण था। इसलिए उन्होंने भारतीय समाज को जात-पात और ऊंच-नीच के जहर से बाहर निकालकर ज्ञान के दीप को प्रज्वलित करने का कार्य किया। इस रूप में उनका योगदान अमूल्य है। उन्होंने कहा कि 90 प्रतिशत स्वतंत्रता सेनानी ऐसे थे जो दयानंद सरस्वती के विचारों से प्रभावित थे, आज भारत को जात-पात अगडा पिछड़ा के नाम पर विभाजित करने का जो षड्यंत्र रचा जा रहा है, उसे समाप्त करने की आवश्यकता है आर्य समाज, सनातन संस्कृति की सबसे सशक्त इकाई है, सनातन एवं समाज को जागृत करने हेतु हम सभी को आर्य समाज के विचारों को आत्मसात करने की आवश्यकता है।
मंत्री माननीय जयवीर सिंह ने कहा कि हम सभी का उद्देश्य है सामाजिक समरसता को बनाना अपने देश को वहीं गौरवशाली मुकाम दिलाना जिसके बल पर भारत विश्व गुरु कहलाता था। आप सभी को अपने हित से बढ़कर देश हित को समझना होगा तभी हम 2047 तक इस विकसित भारत के सपने को पूरा कर सकेंगे।
इस मौके पर कन्या गुरुकुल हाथरस की बालिकाओं द्वारा मुख्य अतिथि आचार्य प्रमोद कृष्णन एवं मंत्री जयवीर सिंह के सामने अपने कौशल का प्रदर्शन किया। साथ ही संदीप आर्य गिल ने अपने साथियों अंकुर आर्य और मुकेश राणा के साथ मिलकर स्वामी दयानंद सरस्वती पर गीत गाकर श्रोताओं को ओत-प्रोत कर दिया।
इस दौरान मंच पर देवेंद्र पाल वर्मा, रवि शास्त्री कुशल देव आदि आचार्यगण उपस्थित थे।
(Udaipur Kiran) / कौशल राठौड़