कोलकाता, 11 अप्रैल (Udaipur Kiran) । क़सबा के स्कूल निरीक्षक (डीआई) कार्यालय के सामने हाल ही में हुए बवाल के दौरान एक टिप्पणी को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। प्रदर्शन कर रहे एक पूर्व शिक्षक को पुलिस द्वारा जारी वीडियो में यह कहते सुना गया —पेट्रोल लेकर आओ, जला दूंगा!
यह बयान सामने आने के बाद स्थिति और तनावपूर्ण हो गई। हालांकि अब उस शिक्षक ने खुद सामने आकर सफाई दी है। उनका कहना है कि उन्होंने किसी सरकारी दफ्तर को जलाने की नहीं, बल्कि खुद को जलाने की बात कही थी।
बुधवार को राज्य भर में डीआई कार्यालयों के घेराव का आह्वान किया गया था। क़सबा स्थित डीआई दफ्तर के सामने भी बड़ी संख्या में बर्खास्त शिक्षक-शिक्षिकाएं इकट्ठा हुए। उनका उद्देश्य स्कूल निरीक्षक से मिलकर ज्ञापन सौंपना था।
लेकिन निरीक्षक के दफ्तर में मौजूद नहीं होने पर प्रदर्शनकारियों में आक्रोश भड़क उठा। पुलिस के साथ उनकी धक्का-मुक्की भी हुई। इसी बीच पुलिस ने घटना के कुछ वीडियो सार्वजनिक किए, जिनमें से एक में प्रताप रायचौधरी नामक शिक्षक को ‘पेट्रोल लाने’ और ‘जला देने’ की बात कहते हुए सुना गया।
शुक्रवार को एसएससी कार्यालय के सामने हुए एक अन्य प्रदर्शन के दौरान प्रताप रायचौधरी ने मीडिया से बात करते हुए अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि मैंने सरकारी संपत्ति को जलाने की बात कभी नहीं की। अगर हमें सम्मानपूर्वक हमारी नौकरियां वापस नहीं मिलतीं, तो मैं खुद को आग लगा लेने की बात कर रहा था।
प्रताप रायचौधरी ने बताया कि वह सोनारपुर एमसी हाई स्कूल में नवम-दशम वर्ग के शिक्षक थे।
क़स्बा कांड के बाद से पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर नजरें और कड़ी कर दी हैं।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
