नई दिल्ली, 13 फरवरी (Udaipur Kiran) । हाईब्रिड कोर्ट में पेश होते समय कोर्ट की गरिमा का ख्याल रखने के लिए जागरुक बनाएं। हाईकोर्ट ने कहा कि दिल्ली की अदालतों में किसी वकील के लिए ये संभव नहीं है कि हर कोर्ट में फिजिकल रूप से पेश हो सके। इसके लिए वर्चुअल कोर्ट की स्थापना पर काफी खर्च भी किया गया है।
हाईकोर्ट ने कहा कि अगर कोई वकील अपने दफ्तर में बैठकर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये दूसरे कोर्ट की सुनवाई में पेश होना चाहता है तो उसे कोर्ट की गरिमा का ख्याल रखते हुए कोर्ट का सहयोग करना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि अक्सर ऐसा होता है कि कनेक्टिविटी की वजह से कई बार वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये वकील की आवाज सुनाई नहीं देती है। कई बार वीडियो दिखाई नहीं देता है। कोर्ट ने कहा कि हाईब्रिड कोर्ट भी फिजिकल कोर्ट की तरह ही है। इसलिए वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेश होते समय वकील को भी कोर्ट की गरिमा का ख्याल रखना चाहिए।
दरअसल हाईकोर्ट एक अपील पर सुनवाई कर रही थी। सुनवाई के दौरान अपील करने वाले याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील पार्क में खड़े होकर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेश हो रहे थे। जब कोर्ट इस मामले में आदेश लिखवाने लगा तब अपीलकर्ताओं के वकील ने वीडियो बंद कर दिया। इसकी वजह से कोर्ट ने अपीलकर्ताओं के वकील की उपस्थिति भी दर्ज नहीं की।
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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय
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