Haryana

गुरुग्राम: बेटे की अनदेखी के शिकार बुजुर्गों की मानवाधिकार आयोग ने ली सुध

मानवाधिकार का प्रतीक चिन्ह।

-गुरुग्राम के डीएलएफ सिटी फेज-5 में एक फ्लैट में रहते हैं 96 एवं 86 साल के पति-पत्नी

गुरुग्राम, 31 मई (Udaipur Kiran) । खून के रिश्तों ने जब बुजुर्ग अनदेखी की तो हरियााणा के मानवाधिकार आयोग का दिल पसीजा। आयोग की ओर से फिलहाल जिला प्रशासन को यह निर्देश दिए गए हैं कि वे बुजुर्ग दंपत्ति का हर तरह से ख्याल रखें। आयोग ने यह फैसला एक जागरुक और जिम्मेदार व्यक्ति द्वारा की गई शिकायत पर लिया है। इस फैसले की सब तारीफ कर रहे हैं। यह मामला तब सामने आया जब रिजवुड एस्टेट कंडोमिनियम एसोसिएशन के एक प्रतिनिधि ने आयोग को शिकायत संख्या-470/5/2025 सौंपी। प्रतिनिधि ने हरियाणा मानव अधिकार आयोग का ध्यान एक अत्यंत गंभीर एवं चिंताजनक स्थिति की ओर आकर्षित किया। उन्होंने बताया कि एक वृद्ध दंपत्ति जिनकी उम्र 96 वर्ष (पुरुष) एवं 86 वर्ष (महिला) है। वे फ्लैट नंबर जे-46, रिजवुड एस्टेट, डीएलएफ सिटी, फेज-5 में रहते हैं। बुजुर्ग दंपत्ति अपने ही बेटे राजेश मित्रा द्वारा उपेक्षित किए जा रहे हैं। राजेश मित्रा द्वारा उनकी समुचित देखभाल नहीं की जा रही है। वृद्ध दंपत्ति केवल दो अप्रशिक्षित महिला सहायिकाओं के भरोसे हैं। उन्हें कोई प्रभावी चिकित्सा सुविधा नहीं मिल रही। वृद्ध पिता को अक्सर दर्द और पीड़ा में चिल्लाते सुना जाता है। जिससे न केवल उनकी पत्नी को गंभीर मानसिक आघात पहुंच रहा है, बल्कि आसपास रहने वाले अन्य वरिष्ठ नागरिकों को भी मानसिक पीड़ा हो रही है। पुत्र एवं संबंधित अधिकारियों को बार-बार कहने के बावजूद वृद्ध दंपत्ति की स्वास्थ्य, गरिमा एवं कल्याण के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया। इसलिए हरियाणा मानव अधिकार आयोग तत्काल इसमें हस्तक्षेप करे।

हरियाणा मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति ललित बत्रा ने अपने आदेश में इस बात पर गंभीर चिंता व्यक्त की है कि वृद्ध दंपत्ति को लंबे समय से जो मानसिक पीड़ा एवं शारीरिक कष्ट सहने पड़ रहे हैं। आयोग की ओर से गुरुग्राम जिला प्रशासन को निर्देशित किया गया है कि रिजवुड एस्टेट के फ्लैट में रह रहे बुजुर्ग दंपत्ति को तुरंत अच्छी स्वास्थ्य सुविधा व उनकी अन्य जरूरतों को पूरा किया जाए।

आयोग की ओर से पुलिस आयुक्त गुरुग्राम, उपमंडल अधिकारी गुरुग्राम, सिविल सर्जन गुरुग्राम, जिला समाज कल्याण अधिकारी गुरुग्राम को बुजुर्ग दंपत्ति की हर तरह से देखभाल के लिए कहा है। आयोग के प्रोटोकॉल, सूचना व जनसम्पर्क अधिकारी डॉ. पुनीत अरोड़ा के मुताबिक संबंधित अधिकारियों को आदेश दिए गए हैं कि वे इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख तीन जुलाई 2025 से पहले वृद्ध दंपति के उपचार, दीर्घकालीन देखभाल अथवा पुनर्वास के लिए उठाए गए कदमों की स्थिति रिपोर्ट एवं कार्य योजना आयोग के समक्ष प्रस्तुत करें।

(Udaipur Kiran)

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