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हिमाचल विधानसभा में विपक्ष का भारी हंगामा, वॉकआउट

हिमाचल विधानसभा

विपक्ष में आपसी लड़ाई बढ़ी, इसलिए उसके नेता तनाव में: सुखाविंदर सिंह

शिमला, 2 सितंबर (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के पांचवें दिन खूब हंगामा हुआ। सोमवार को सदन की बैठक आरंभ होते ही भाजपा के विपिन सिंह परमार ने प्वाइंट आफ आर्डर के माध्यम से अपना मुद्दा उठाना चाहा, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने अनुमति नही दी। विपक्ष दल भाजपा ने सदन में भारी हंगामा किया और बाद में पूरा विपक्ष सदन से वाकआउट कर गया। विपक्ष के विधानसभा स्पीकर के खिलाफ तल्ख़ तेवर रहे।

साेमवार दोपहर दो बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षाी दल के सदस्याें ने हंगामा करना शुरू कर दिया। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने व्यवस्था दी कि विपक्ष प्रश्नकाल के बाद अपना मुद्दा उठा सकता है। विधानसभा अध्यक्ष की इस व्यवस्था से विपिन सिंह परमार संतुष्ट नहीं हुए और उन्हें अपना मुद्दा उठाने की अनुमति देने की मांग करते रहे। अनुमति न मिलने पर पूरा विपक्ष अपनी सीटों पर खड़ा हो गया और शोरगुल करने लगा। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी अपनी बात रखनी चाहिए, लेकिन शोरगुल के बीच कुछ भी सुनाई नहीं दिया। विपक्ष के सदस्य कुछ समय तक सदन में नारेबाजी करता रहा और उसके शोरगुल के बीच ही विधानसभा अध्यक्ष ने प्रश्नकाल आरंभ कर दिया। बाद में पूरा विपक्ष सदन से नारेबाजी करते हुए बाहर चला गया।

सदन के नेता व मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विपक्ष के हंगामे और वाकआउट पर कहा कि वास्तव में विपक्ष में आपसी लड़ाई बहुत बढ़ गई है। इसलिए उसके सभी नेता तनाव में हैं और वह सदन का समय बर्बाद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा के इतिहास में सम्भवतः पहली बार मानसून सत्र 10 दिन लंबा हो रहा है। उन्होंने कहा कि सत्र से पहले ही यह तय हो गया था कि सरकार विपक्ष के उठाए जाने वाले हर मुद्दे का जवाब देगी। उन्होंने कहा कि सत्र में सबसे अधिक सवाल भी विपक्ष के सदस्यों के लगे हैं। इसके बावजूद विपक्ष सिर्फ हंगामा करने में व्यस्त है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता यह जान चुकी है कि भाजपा सिर्फ राजनीतिक रोटियां सेंकना चाहती है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष द्वारा सत्तापक्ष को कम समय दिए जाने का भी जिक्र किया। इसके बावजूद सत्ता पक्ष नाराज नहीं है।

संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने भाजपा के सदस्याें के सदन में हंगामे और वाकआउट को विपक्ष का दिवालियापन करार दिया और कहा कि विपक्ष को जनता की फिक्र नहीं है। उन्होंने कहा कि विपक्ष विधानसभा अध्यक्ष से व्यक्तिगत दुश्मनी निकालना चाहा रहा है। उन्होंने कहा कि मानसून सत्र के अब तक के पांच दिनों के दौरान अधिकांश एजेंडा भाजपा का लगा है, लेकिन भाजपा सदन में सिर्फ ड्रामा करने आ रही है।

हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि भाजपा ने आज अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया, लेकिन उस पर प्वाइंट ऑफ आर्डर के माध्यम से भी चर्चा नहीं की। उन्होंने सदन में सरकार और सत्तापक्ष के विधायकों के मुद्दों को महत्व न दिए जाने का भी जिक्र किया और कहा कि इसके बावजूद सत्तापक्ष ने कभी अध्यक्ष से ऐतराज नहीं किया।

संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि भाजपा का वाकआउट राजनीतिक ड्रामा है और सदन इसकी निंदा करती है। उन्होंने कहा कि विपक्ष सिर्फ समय की बरबादी कर रहा है, क्योंकि उसने स्थगन प्रस्ताव का नोटिस तो दिया, लेकिन प्वाइंट आफ आर्डर के तहत इस पर कोई चर्चा नहीं की। उन्होंने कहा कि विपक्ष जो कहेगा, केवल वही नहीं होगा।

विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने विपक्ष के हंगामा और वाकआउट पर कहा कि सदन के भीतर कार्यवाही नियमों के तहत ही चलेगी। उन्होंने कहा कि जो नियमों में नहीं है, वह नहीं होगा। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि उनका प्रयास था कि प्रदेशहित के मुद्दे चर्चा में लाए जाए। इसलिए विपक्ष द्वारा लाए गए मुद्दों को उन्होंने चर्चा में लाने की अनुमति दी। उन्होंने कहा कि इस सबके बावजूद विपक्ष गंभीर दिखाई नहीं देता है।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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