Haryana

हिसार : बाजरे काे बढ़ावा देने के लिए एचएयू का आंध्र प्रदेश की कंपनी के साथ  करार

समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के दौरान मौजूद कंपनी के अधिकारी और विश्वविद्यालय के अधिकारी।

लगातार बढ़ती जा रही एचएयू द्वारा विकसित बाजरे की उन्नत किस्मों की मांग : कुलपति

हिसार, 4 नवंबर (Udaipur Kiran) । हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित बाजरे की उन्नत किस्मों की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। इसके लिए विश्वविद्यालय ने तकनीकी व्यवसायीकरण को बढ़ावा देते हुए आंध्र प्रदेश की सम्पूर्णा सीड्स कंपनी के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।

कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने सोमवार को बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित उन्नत किस्में ज्यादा से ज्यादा किसानों तक पहुंचे, इसके लिए विभिन्न राज्यों की कंपनियों के साथ समझौते (एमओयू) किए जा रहे हैं।

उपरोक्त समझौते के तहत विश्वविद्यालय द्वारा विकसित बाजरे की एचएचबी 67 संशोधित-2 का बीज तैयार कर कंपनी किसानों तक पहुंचाएगी ताकि उन्हें इस किस्म का विश्वसनीय बीज मिल सकें और उनकी पैदावार में इजाफा हो सकें। विश्वविद्यालय की ओर से समझौता ज्ञापन पर अनुसंधान निदेशक डॉ. राजबीर गर्ग ने तथा आंध्र प्रदेश की सम्पूर्णा सीड्स कंपनी की तरफ से श्री वाई रमेश ने हस्ताक्षर किए हैं। मानव संसाधन प्रबंधन निदेशक डॉ. रमेश यादव ने बताया कि समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर होने के बाद अब कंपनी विश्वविद्यालय को लाइसेंस फीस अदा करेगी, जिसके तहत उसे बीज का उत्पादन व विपणन करने का अधिकार प्राप्त होगा। इसके बाद किसानों को भी इस उन्नत किस्म का बीज मिल सकेगा।

बाजरा अनुभाग के अध्यक्ष डॉ. अनिल यादव ने बताया कि एचएचबी-67 संशोधित 2 बाजरा की सुप्रसिद्ध संकर किस्म एचएचबी 67 संशोधित का जोगिया रोग प्रतिरोधी उन्नत रूपांतरण है। यह संकर किस्म हरियाणा, राजस्थान व गुजरात के बारानी क्षेत्रों में आम काश्त के लिए 2021 में अनुमोदित की गई है। एच एच बी 67 संशोधित के नर जनक एच77/833-2-202 को चिन्हित (मार्कर) सहायक चयन द्वारा जोगिया रोग प्रतिरोधी बनाया गया है। इस नई विकसित संकर किस्म एचएचबी 67 संशोधित 2 में एचएचबी 67 संशोधित के सभी गुण, जैसे कि अतिशीघ्र पकना; शुष्क रोधिता अगेती मध्यम व पछेती बुवाई, दाने व चारे की अच्छी गुणवत्ता विद्यमान हैं। इसके दाने व सूखे चारे की औसत उपज क्रमश: 8.0 क्विंटल तथा 20.9 क्विंटल प्रति एकड़ है। यह नई संशोधित संकर किस्म बेहतर प्रबंधन से और भी अच्छे परिणाम देती है व बाजरा की अन्य बिमारियों के रोगरोधी है।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय की ओर से ओएसडी डॉ. अतुल ढींगड़ा, मीडिया एडवाइजर डॉ. संदीप आर्य, आईपीआर सेल के प्रभारी डॉ. योगेश जिंदल, डॉ. रेणू मुंजाल, डॉ. जयंती टोकस, डा. जितेन्द्र भाटिया, डॉ. सोमबीर, डॉ. देवव्रत यादव व डॉ. हर्षदीप उपस्थित रहे।

(Udaipur Kiran) / राजेश्वर

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