शिमला, 27 मई (Udaipur Kiran) । शिमला शहर के निजी स्कूलों के लिए चलाई जा रही एचआरटीसी बसों के किराये में हुई भारी वृद्धि को लेकर अभिभावक मंगलवार को सड़कों पर उतर आए। इस फैसले के खिलाफ गुस्साए अभिभावकों का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को एचआरटीसी प्रबंध निदेशक निपुण जिंदल से मिला और बस पास की बढ़ी हुई फीस को तुरंत वापिस लेने की मांग की।
अभिभावकों का कहना है कि एचआरटीसी द्वारा स्कूल पास की फीस को बिना किसी पूर्व सूचना के लगभग दोगुना कर दिया गया है जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पर सीधा असर पड़ा है। उन्होंने बताया कि महज छह महीने पहले ही बस पास की दरें बढ़ाई गई थीं और अब दोबारा इतनी जल्दी इस तरह की बढ़ोतरी समझ से परे है।
प्रबंध निदेशक से हुई मुलाकात में अभिभावकों ने स्पष्ट किया कि अगर जल्द ही यह फैसला वापिस नहीं लिया गया तो वे मजबूरन सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि अभिभावकों पर आर्थिक बोझ डालना किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है और यदि सरकार व परिवहन विभाग ने समय रहते कोई कदम नहीं उठाया तो आंदोलन किया जाएगा।
अभिभावकों ने मांग की है कि बस पास के पुराने शुल्क स्लैब को ही यथावत रखा जाए और न्यूनतम किराया जिसे 5 रुपये से बढ़ाकर 10 रुपये किया गया है, उसे भी वापिस लिया जाए। उनका कहना है कि सरकारी परिवहन सेवा होने के बावजूद एचआरटीसी निजी स्कूल बसों की तर्ज पर फीस वसूल रही है जो न केवल अनुचित है, बल्कि आम जनता के हितों के खिलाफ भी है।
वहीं, प्रबंध निदेशक निपुण जिंदल ने अभिभावकों को आश्वस्त किया है कि उनकी शिकायतों को गंभीरता से लिया जाएगा और उचित कदम उठाने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विभाग जल्द ही इस विषय में समीक्षा करेगा और जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया जाएगा।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
