शिमला, 14 नवंबर (Udaipur Kiran) । घाटे में चल रहे हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) की माली हालत जल्द पटरी पर आएगी। एचपीटीडीसी को विभिन्न निजी पार्टियों और सरकारी महकमों से करोड़ों की बकाया राशि लेनी है। इसके लिए एचपीटीडीसी काफी समय से जदोजहद कर रहा है। एक मामले की सुनवाई के दौरान हिमाचल हाईकोर्ट ने एचपीटीडीसी को उसकी बकाया राशि वसूलने के आदेश दिए हैं। इसमें खास बात यह है कि निजी पार्टियों से बकाया रकम को वसूलने के लिए 48 घंटे का समय दिया गया है। जबकि सरकारी विभागों को 30 नवंबर 2024 ये पहले बकाया राशि का भुगतान करना होगा। इसके लिए सरकारी विभागों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। यह बकाया रकम मिलने पर एचपीटीडीसी की माली हालत में काफी सुधार आएगा।
राज्य में एचपीटीडीसी के 60 होटल, कैफे और रेस्तरां हैं, जिनमें से 35 से अधिक घाटे में चल रहे हैं। दरअसल एचपीटीडीसी को सरकारी महकमों से 4.13 करोड़ और निजी पार्टियों से एक करोड़ से अधिक की रकम लेनी है। इस तरह एचपीटीडीसी को कुल पांच करोड़ से अधिक की बकाया रकम की वसूली करनी है।
हाईकोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि एचपीटीडीसी के सभी डीडीओ 48 घंटे के भीतर निजी पार्टियों की वसूली सुनिश्चित कर इसकी स्टेटस रिपोर्ट 17 नवंबर को पेश करे। हाईकोर्ट ने एचपीटीडीसी से पिछली तीन सालों यानी पहली जनवरी 2022 से 31 अक्टूबर 2024 तक हुई कमाई, होटलों की कमरों की बुकिंग और उनकी दरें का विवरण तलब किया है। एचपीटीडीसी को 19 नवंबर 2024 को यह विवरण हाईकोर्ट के समक्ष रखना होगा।
हाईकोर्ट ने यह भी आदेश दिए हैं कि एचपीटीडीसी को अपनी किसी भी संपति को निजी पाटियों को शादी व अन्य आयोजनों के लिए किराए पर तभी दिया जाएगा, जब वे अनुमानित किराए का कम से कम 80 फीसदी अग्रिम भुगतान करेंगे। यह नियम केवल समारोहों के लिए लागू होगा, नियमित अतिथियों पर नहीं। इसके साथ ही किसी भी जिम्मेदार अधिकारी द्वारा इस नियम का उल्लंघन करने पर उसे एचपीटीडीसी के नुकसान की भरपाई व्यक्तिगत रूप से करनी होगी।
हाईकोर्ट के आदेशों की अनुपालना में एचपीटीडीसी के प्रबंध निदेशक राजीव कुमार ने वसूली कार्य में डीडीओज की मदद के लिए दो वरिष्ठ लेखाकार के तौर पर परवीन भारद्वाज और कमल किशोर को नियुक्त किया है। एचपीटीडीसी ने स्पष्ट किया है कि हाईकोर्ट द्वारा आदेशों का उल्लंघन करने पर संबंधित डीडीओज को जिम्मेदार ठहराया जाएगा और संभावित रूप से उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा