-जनहित याचिका पर शासन और प्रशासन से कोर्ट ने मांगा जवाब
प्रयागराज, 27 अगस्त (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रयागराज में 2025 में आयोजित महाकुम्भ में श्रद्धालुओं और संतों को स्वच्छ एवं पर्याप्त गंगाजल उपलब्धता की मांग में जनहित याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। अधिवक्ता विजय चंद्र श्रीवास्तव ने आदेश की जानकारी देते हुए बताया कि कोर्ट ने इस संदर्भ में कार्ययोजना की जानकारी मांगी है।
यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति अरुण भंसाली एवं न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने एडवोकेट सुनीता शर्मा, वरिष्ठ समाजसेवी योगेंद्र कुमार पांडेय एवं पूर्व पार्षद कमलेश सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। साथ ही याचिका पर अगली सुनवाई के लिए 10 सितम्बर की तारीख लगाई है।
याचिका में कहा गया है कि प्रदेश के शासन व प्रशासन ने देश एवं विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं एवं संतों को स्वच्छ एवं पर्याप्त गंगाजल उपलब्ध कराने पर अब तक कोई विचार नहीं किया है।
जनहित याचिका में कहा गया है कि देश विदेश से लाखों श्रद्धालु, गंगा भक्त व संत प्रयागराज आते हैं। कुम्भ मेला के लिए शासन व प्रशासन की तैयारी भी जोरों से चल रही है और सरकार की ओर से काफी बजट भी स्वीकृत हुआ है। लेकिन शासन प्रशासन ने अब तक इस सम्बंध में कोई भी निर्णय नहीं लिया है कि महाकुम्भ के अवसर पर श्रद्धालुओं, संतों एवं गंगा भक्तों को कैसे पर्याप्त व स्वच्छ गंगा जल उपलब्ध कराएगी। इस पर कोई विचार मंथन भी नहीं किया गया है।
याची के वकील ने कहा कि महाकुम्भ में स्नान व पूजन के लिए पर्याप्त एवं स्वच्छ गंगाजल तभी सम्भव हो सकेगा जब उनकी पुरानी जनहित याचिका में कानपुर की ट्रेनरी का पानी रोकने, गंगा में लगातार प्रतिदिन 4000 क्यूसेक पानी छोड़ने और गंगा एवं यमुना में गिरने वाले गंदे नाले बंद करने तथा गंगा किनारे उच्चतम बाढ़ बिन्दु से 500 मीटर निर्माण पर रोक, एसटीपी के सुचारू संचालन के आदेश का पालन पूर्णतः कराया जाएगा।
याचिका में प्रदेश शासन के प्रमुख सचिव, प्रयागराज के कमिश्नर व डीएम, मेला प्राधिकरण, प्रयागराज विकास प्राधिकरण और नगर निगम को पक्षकार बनाया गया है ताकि महाकुम्भ में स्वच्छ एवं पर्याप्त गंगा जल उपलब्ध कराने में इन विभागों की जिम्मेदारी सुनिश्चित की जा सके।
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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे / दिलीप शुक्ला