HimachalPradesh

हिमाचल में संस्थानों को खोलने-बंद करने पर गरमाया सदन, पक्ष-विपक्ष में नोक-झोंक

हिमाचल विधानसभा

शिमला, 21 मार्च (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में संस्थानों को खोलने और बंद करने के मुद्दे पर शुक्रवार को विधानसभा में सत्तापक्ष और विपक्ष में तीखी बहस हुई। विपक्ष ने सरकार पर संस्थानों को राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से बंद करने का आरोप लगाया जबकि सरकार ने पूर्व भाजपा सरकार पर बिना बजट और पदों के अनावश्यक संस्थान खोलने का आरोप लगाया।

मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति में उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि जहां आवश्यकता होगी, वहां सरकार नए संस्थान खोलेगी।

उन्होंने पूर्व भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव से पहले सत्ता में वापसी की मंशा से अंतिम छह महीनों में संस्थान खोले गए, लेकिन जनता ने उन्हें नकार दिया। उन्होंने दावा किया कि भाजपा सरकार ने 1,000 से अधिक संस्थान ऐसे खोले जिनके लिए न तो बजट था, न पदों का प्रावधान।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि हर विधानसभा क्षेत्र में जल शक्ति विभाग का एक डिवीजन दिया जाएगा। इसके अलावा, शिक्षा और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में संस्थानों का युक्तिकरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ जरूरत के हिसाब से संस्थान खोलेगी और प्रदेश की संपत्ति को अनियोजित ढंग से खर्च नहीं किया जाएगा।

मुकेश अग्निहोत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि पूर्व सरकार द्वारा खोले गए सभी संस्थानों को बंद नहीं किया गया है, बल्कि उनकी आवश्यकता और योग्यता के आधार पर समीक्षा की जा रही है। उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि सरकार पूरी तरह स्थिर है, यहां ऑपरेशन लोटस नहीं हुआ।

विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि सत्ता में आते ही सरकार ने राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित होकर पूर्व में खोले गए संस्थानों को बंद कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि जो संस्थान संचालित हो रहे थे और जिनमें स्टाफ कार्यरत था, उन्हें भी बंद कर दिया गया। अब सरकार उन्हीं संस्थानों को डी-नोटिफाई कर फिर खोल रही है। उन्होंने सवाल किया कि अगर ये संस्थान अनावश्यक थे तो अब इन्हें फिर क्यों खोला जा रहा है?

विधायक रणधीर शर्मा ने आरोप लगाया कि सरकार विरोधाभासी कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि 15 जनवरी 2024 तक मात्र 35 नए संस्थान खोले गए, लेकिन अभी तक इनमें भी बजट और पदों का प्रावधान नहीं किया गया।

विधायक राकेश जम्वाल ने सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा कि अब तक कितने संस्थानों को डी-नोटिफाई किया गया है। वहीं विधायक सतपाल सत्ती ने भी संस्थानों को बंद करने के फैसले पर सवाल उठाया।

इस पर उप मुख्यमंत्री ने जवाब दिया कि उना में नगर निगम दिया गया है और वहां जो भी कार्यालय खुलेंगे, वे स्थानीय विधायक की राय से ही खोले जाएंगे।

विधायक हंसराज ने सवाल उठाया कि उनके क्षेत्र में बच्चों को 4-4 किलोमीटर दूर जाकर पढ़ाई करनी पड़ रही है क्योंकि सरकार ने तीन प्राइमरी स्कूल बंद कर दिए हैं।

इसके जवाब में उप मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि उनके क्षेत्र में भी जरूरत के हिसाब से संस्थान खोले जाएंगे।

—————

(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

Most Popular

To Top