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लखीमपुर खीरी, 27 नवंबर (Udaipur Kiran) । तराई की मिट्टी का उत्सव लखीमपुर महोत्सव 2024 के कोटवारा इवेंट में हॉर्स शो कार्यक्रम घोड़ों की टापों से गूंज उठा। घुड़सवारों ने घोड़े पर बैठकर दौड़ लगाई। जिसका मौजूद लोगों ने पूरा मजा लिया और उनकी हौसला अफजाई की। घोड़ों की शानदार दौड़ को देखकर दर्शक भी खुशी से झूम उठे।
कवियों ने दुश्मनों को ललकारा, तो हास्य और व्यंग्य से लोग को खूब गुदगुदाया
लखीमपुर महोत्सव के कोटवारा इवेंट में कवित्री पल्लवी मिश्रा हरदोई ने पढ़ा अंधेरों की चाह मुझको होती नहीं है साजन। चरणों में मैंने माथ रख दिया है…. कवि अभिषेक शाश्वत ने पढ़ा मनचला सीख जाता है, उछलना सीख जाता है। अभाव में गुजर करके संभालना सीख जाता है। गरीबी त्रासदी में भी हमारे गांव का बच्चा सरकता है जमीन पर और चलना सीख जाता है। कवि विशेष शर्मा ने पढ़ा कविता है तेज प्रकाश पुंज, कविता समाज का दर्पण है… कवि जग जीवन मिश्रा ने पढ़ा प्यारी मां जैसा हो वारि गंगा मिले, ना मिले लूट और ना ही दंगा मिले। है तमन्ना मरु तो वतन के लिए, मरने पर फिर कफन बस तिरंगा मिले…. कवि अमित कैथवार ने पढ़ा ‘हमारे जिस्म का कोई भी हिस्सा काट कर देखो, हमारे जिस्म की हर नस में हिंदुस्तान बहता है.. इसके अलावा मुशायरा और कव्वाली का भी जबरदस्त आयोजन हुआ।
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(Udaipur Kiran) / देवनन्दन श्रीवास्तव
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