
धमतरी, 10 अप्रैल (Udaipur Kiran) । भारत में बहुत लोकप्रिय और पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों में होम्योपैथी प्रमुख स्थान रखता है। इस चिकित्सा पद्धति का मरीजों पर दुष्प्रभाव नहीं के बराबर है। जिले में होम्योपैथी के उपचार के लिए दो स्वास्थ्य केंद्र संचालित है। जिसमें शासकीय आयुष पाली क्लीनिक धमतरी और शासकीय होम्योपैथी औषधालय नगरी में होम्योपैथी पद्धति से उपचार की सुविधा मरीजों के लिए उपलब्ध है।
होम्योपैथी डा टीआर साहू दोनों स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों का उपचार कर रहे हैं। हफ्ते में दो दिन शुक्रवार और शनिवार को शासकीय आयुष पाली क्लीनिक धमतरी में और सोमवार से गुरुवार तक नगरी के होम्योपैथी औषधालय में ड्यूटी करते हैं। होम्योपैथी डा टीआर साहू ने बताया कि होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति की स्वीकार्यता आज पूरे विश्व में दूसरे नंबर पर है। इस चिकित्सा पद्धति में साइड इफेक्ट नहीं के बराबर है। होम्योपैथी शासन के द्वारा मान्य चिकित्सा पद्धति है। यह चिकित्सा पद्धति समान का समान से उपचार के सिद्धांत पर कार्य करती है। यदि कोई दवा स्वस्थ व्यक्ति में विशिष्ट लक्षण पैदा करता है। वहीं दवा मरीज में समान लक्षण से ठीक कर सकता है। आज देश में होम्योपैथी के कई कालेज, औषधालय और अनुसंधान केंद्र संचालित है। होम्योपैथी तरूण व पुरानी जटिल बीमारियों तथा मानसिक बीमारियों में भी काफी लाभकारी है। इसके साथ ही त्वचा संबंधी रोग, एलर्जी, पुराने सिरदर्द, महिलाओं के मासिक संबंधी विकार एवं गर्भधारण में समस्या, जोड़ों में दर्द, वात रोग, मस्से, गठान, बवासीर व अन्य कई बीमारियों के लिए रामबाण है। यह चिकित्सा पद्धति प्राकृतिक, सुरक्षित और प्रभावी है तथा रोगों को जड़ से खत्म करता है। आज लोगों में इस चिकित्सा के लिए विशेष उत्साह व आशाएं है। सत्र 2024 – 25 में होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति से कुल 10921 मरीजों ने उपचार करवाया है। जिसमें शासकीय आयुष पाली क्लीनिक में 6305 और शासकीय होम्योपैथी औषधालय नगरी में 4616 मरीजों ने होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति से उपचार कराया है।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा
