बलिया, 03 दिसम्बर (Udaipur Kiran) ।
प्रदेश सरकार होमगार्ड जवानों के लिए सुविधाओं में लगातार बढ़ोत्तरी कर रही है। सरकार की नजरें इनायत होने के बाद होमगार्ड के जवान भी शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए मुस्तैदी से ड्यूटी निभा रहे हैं।
जिले भर में शांति और सुरक्षा से लेकर महत्वपूर्ण कार्यालयों में व्यवस्था यदि दुरुस्त है, तो इसके पीछे जिले के एक हजार से अधिक होमगार्ड के जवानों की मेहनत और पसीना है। एक महिला थाना समेत 23 थानों में तैनात उत्तर प्रदेश पुलिस के कंधे से कंधे मिलाकर होमगार्ड्स जवान भी शांति और सुरक्षा का भार बखूबी ढो रहे हैं।
जिलाधिकारी कार्यालय समेत किसी भी कार्यालय जाइए या किसी व्यस्त चौराहा, हर जगह होमगार्ड के जवान मुस्तैदी से ड्यूटी करते मिलेंगे। जनता और प्रशासन का भरोसा जीतने में होमगार्ड के जवान कामयाब रहे हैं। लकदक वर्दी और बातचीत के मॉडर्न लहजे ने होमगार्ड के जवानों को अब स्मार्ट बना दिया है। इनके द्वारा चौराहे पर डंडा पटकने भर से ट्रैफिक व्यवस्था सुचारू हो जाती है। शहर के सबसे व्यस्त चित्तू पाण्डेय चौराहा, शहीद पार्क चौक, और टीडी कालेज चौराहे पर यातायात व्यवस्था को संभालने में होमगार्ड के जवान तन्मयता से लगे ही हुए हैं, सबसे अधिक दबाव वाले स्थल कलेक्ट्रेट में यदि कोई अव्यवस्था नहीं दिखती तो यह इन जवानों की मेहनत ही है। फिलहाल जिले में 1046 होमगार्ड के जवानों की ड्यूटी विभिन्न कार्यालयों और चौराहों पर लगाई गई है। इनमें करीब 33 महिला होमगार्ड भी हैं। डीएम ऑफिस, सभी तहसीलों, कोषागार, जिला अस्पताल, सीएमओ कार्यालय, सेल्टर होम, स्पोर्ट्स स्टेडियम, वन स्टाप सेंटर और पुस्तकालयों के अलावा व्यस्त चौराहों पर इन जवानों की ड्यूटी लगाई गई है।
इसमें सबसे अधिक होमगार्ड जिलाधिकारी कार्यालय में तैनात रहते हैं। यहां 66 पुरुष और चार महिला होमगार्ड तैनात रहती हैं। इनकी मुस्तैदी के आगे बड़े से बड़े धरना और प्रदर्शन के बावजूद कोई अप्रिय स्थिति नहीं आती। इसके अलावा शहर की यातायात व्यवस्था संभालने के लिए 55 होमगार्ड दिन रात तैनात रहते हैं। कोतवाली पुलिस को भी 118 होमगार्ड दिए गए हैं। जो पुलिस के साथ कदमताल करते हुए शांति और सुरक्षा व्यवस्था में योगदान दे रहे हैं।
होमगार्ड के जिला कमांडेंट मानोज सिंह बघेल ने बताया कि हमारे जवान पूरी तरह से दक्ष हैं। चाहे किसी चौराहे पर ड्यूटीरत हों या किसी कार्यालय में, पब्लिक से फ्रेंडली रहते हुए अपने काम को अंजाम देते हैं। इसके लिए समय-समय पर मैं इनके साथ बातचीत करता रहता हूं। नए जमाने के अनुसार व्यवहार करने की ताकीद करता रहता हूं।
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(Udaipur Kiran) / नीतू तिवारी