कोकराझार (असम), 08 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । “बीटीआर के 2024-25 के कुल बजट आवंटन का एक प्रतिशत बच्चों के अनुकूल बीटीआर को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित किया जाएगा।” ये बातें आज बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल (बीटीसी) के सीईएम प्रमोद बोडो ने कही। उन्होंने कहा कि बोडोलैंड टेरिटोरियल रीजन (बीटीआर) परिषदीय सरकार क्षेत्र के हर बच्चे के समग्र कल्याण और विकास के प्रति प्रतिबद्ध है। बोडो ने यह बातें बीटीसी सचिवालय में आयोजित बच्चों के अनुकूल बीटीआर पर एक दिवसीय परामर्श और समीक्षा बैठक में कही, जिसका उद्देश्य बीटीआर में बच्चों के लिए एक पोषक वातावरण को बढ़ावा देना है।
बैठक में बीटीआर के 10 एमसीएलए निर्वाचन क्षेत्रों में पहले से चल रही विभिन्न बच्चों के अनुकूल पहलों पर गहन चर्चा की गई। चर्चा के प्रमुख विषयों में बच्चों के खिलाफ हिंसा से निपटने में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका, बीटीआर में राष्ट्रीय मिशन वात्सल्य योजना का प्रभावी कार्यान्वयन, बाल श्रम को समाप्त करने की रणनीतियां और क्षेत्र के बच्चों के बेहतर भविष्य को सुरक्षित करने के लिए बाल-केंद्रित नीतियों का विकास शामिल था।
बैठक के दौरान, बीटीआर के सभी 4 जिलों में बाल कल्याण और संरक्षण समिति की स्थापना, प्रायोजन और पालक देखभाल स्वीकृति समिति की स्थापना, असम के छठी अनुसूची क्षेत्रों में बाल विवाह निषेध अधिकारी लॉट मंडल की नियुक्ति (पंचायत स्तर- वीसीडीसी स्तर) सहित कई मुद्दों को सामने रखा गया।
इस बैठक में बीटीसी ईएम डॉ. नीलुत स्वर्गियारी और गौतम दास; असम राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एएससीपीसीआर) के अध्यक्ष डॉ. श्यामल प्रसाद सैकिया; वरिष्ठ पत्रकार डॉ. वासबीर हुसैन; एमवी फाउंडेशन के राष्ट्रीय संयोजक वेंकट रेड्डी; नीदान फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. दिगंबर नार्जारी; यूनिसेफ असम के प्रतिनिधि और बीटीआर सरकार के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।
(Udaipur Kiran) / किशोर मिश्रा