Uttar Pradesh

वर्तमान दौर में खबरों की बौछार में तथ्यों की परख जरुरी: हितेश शंकर

अतिथियों के साथ सम्मानित पत्रकार

—आद्य पत्रकार देवर्षि नारद जयंती पर सात पत्रकार हुए सम्मानित

वाराणसी,14 मई (Udaipur Kiran) । वरिष्ठ पत्रकार एवं पांचजन्य के प्रधान संपादक हितेश शंकर ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना की कार्यवाही में हमें स्पष्टता, सजगता, सटीकता और त्वरा का समावेश दिखाई दिया। पूरे ऑपरेशन के दौरान साइबर और सूचना क्षेत्र में भारत की सजगता से पाक का दुष्प्रचार विफल हुआ। भारत के साइबर योद्धाओं ने सूझबूझ से काम किया।

प्रधान संपादक हितेश शंकर बुधवार को आद्य पत्रकार देवर्षि नारद जयंती संगोष्ठी एवं पत्रकार सम्मान समारोह में आयोजित राष्ट्रीय सुरक्षा में मीडिया की भूमिका विषयक संगोष्ठी को सम्बोधित कर रहे थे। विश्व संवाद केंद्र काशी और पं दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ बीएचयू के संयुक्त बैनर तले विश्वविद्यालय के सामाजिक विज्ञान संकाय समता भवन में आयोजित समारोह में प्रधान संपादक और अन्य अतिथियों ने काशी क्षेत्र के सात पत्रकारों को सम्मानित किया। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार हितेश शंकर ने कहा कि हमें किसी मुद्दे को इतना हाइप नहीं करना चाहिए जिससे अपराधियों के प्रति भी सहानुभुति उत्पन्न हो।

उन्होंने कहा कि धारणा बनाने से पहले तथ्यों की पुष्टि करना चाहिए। वर्तमान दौर में खबरों की बौछार में तथ्यों की परख जरुरी है। विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पूर्वी उ0प्र0 क्षेत्र के क्षेत्र प्रचार प्रमुख सुभाष ने कहा कि नारद जी का शील ही संदेश था। उनका शील अर्थात चरित्र ऐसा था उनकी वाणी व्यवहार ही समाज के लिए प्रमाण थी। इसके लिए उन्होंने रामचरित मानस की चौपाई का उदाहरण दिया “नारद वचन मृषा नहीं होई“ अर्थात नारद के वचन कभी झूठे नहीं होते। लोक मंगल भारत का सनातन स्वभाव है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र रक्षा प्रारंभ से भारतीय पत्रकारिता का मिशन है। इसलिए भारत में पत्रकार एक व्यक्ति नहीं, सेनानी है। पत्रकारों को समाज उत्थान का प्रयत्न करना चाहिए। प्रस्तावना रखते हुए जागरण पत्रिका चेतना प्रवाह के संपादक प्रो. ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि आद्य पत्रकार देवर्षि नारद ने संवाद कौशल से समुद्र मंथन और महाभारत युद्ध लोकहित में किया था।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विश्व संवाद केंद्र काशी के कार्यवाहक अध्यक्ष डॉ.हेमंत गुप्ता ने कहा देवर्षि नारद जी के जीवन से हमे सार्थक प्रवास-सार्थक संवाद सीखना चाहिए। लोक-मंगल ही पत्रकारों का दायित्व है। गोष्ठी के प्रारम्भ में अतिथियों ने भारत माता, देवर्षि नारद , भारत रत्न महामना पं. मदन मोहन मालवीय एवं पं.दीनदयाल उपाध्याय के चित्र के समक्ष पुष्पार्चन कर दीप प्रज्ज्वलित किया। केन्द्र के न्यासी डॉ.हरेन्द्र राय ने आगतों का स्वागत किया। कार्यक्रम के सह संयोजन डॉ अजय परमार रहे। धन्यवाद ज्ञापन डॉ.सत्यप्रकाश पाल एवं संचालन कार्यक्रम संयोजक डॉ.कुमकुम पाठक ने किया।

इन पत्रकारों का हुआ सम्मान

डॉ अत्रि भारद्वाज (अध्यक्ष, काशी पत्रकार संघ), देवेश सिंह (राष्ट्रीय सहारा), डॉ अमलेन्दु त्रिपाठी (दैनिक जागरण, प्रयागराज), सुरेश गांधी (स्वतंत्र पत्रकार), रोहित सोनकर (फोटो पत्रकार, अमर उजाला), कविता उपाध्याय (लाइव वी.एन.एस.), गोपाल मिश्र (ई.टी.वी. भारत) को पत्रकारिता के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इस अवसर पर प्रज्ञा प्रवाह के अखिल भारतीय टोली सदस्य रामाशीष , आर.एस.एस. के क्षेत्र कार्यवाह डॉ.वीरेंद्र जायसवाल, क्षेत्र पर्यावरण गतिविधि संयोजक अजय , आर.एस.एस. काशी प्रांत प्रचारक रमेश , जागरण पत्रिका प्रमुख नागेन्द्र , दीनदयाल शोधपीठ के समन्वयक प्रो. तेज प्रताप सिंह आदि की खास मौजूदगी रही।

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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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