Uttar Pradesh

भारतीय चिति के अनुरूप हो इतिहास : प्रो. रजनीश शुक्ला

भारतीय चिति के अनुरूप हो इतिहास : प्रो. रजनीश कुमार शुक्ला

अयोध्या, 29 सितंबर (Udaipur Kiran) । भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद, अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना की ओर से कामता प्रसाद सुंदर लाल साकेत महाविद्यालय में ‘भारतीय ज्ञान परम्परा’ पर चल रहे त्रि दिवसीय संगोष्ठी का रविवार को समापन हो गया।

समारोह का प्रथम सत्र में ‘भारतीय शिक्षा प्रणाली और भारतीय भाषा’ पर केंद्रित रहा, जहां भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद के सदस्य प्रो आनद शंकर सिंह ने प्राचीन काल से वर्तमान तक शिक्षा के सभी आयामों पर चर्चा किया। इस सत्र की अध्यक्षता काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की आचार्य प्रो. सुमन जैन ने किया।

दूसरा सत्र ‘भारतीय राजनीतिक व्यवस्था और लोक प्रशासन’ पर रहा जहां प्रो स्मृति कुमार सरकार ने अपने वक्तव्य प्रस्तुत किया। इस दौरान का.सा.साकेत महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. नर्वदेश्वर ने सत्र की अध्यक्षता किया। समापन सत्र के दौरान हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा के पूर्व कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल ने कहा कि भारतीय ज्ञान परम्परा भारतीयों के मन, मस्तिष्क और शरीर में दिखना चाहिए। उसकी चिति भारतीय होनी चाहिए। तभी ज्ञान परंपरा का प्रसार बिना रुकावट होता रहेगा। वर्तमान समय में अगर राष्ट्रीय शिक्षा नीति सही प्रकार चालू हो जाये तो भारतीय ज्ञान परम्परा का निर्वहन अपने आप होने लगेगा।

इस दौरान पूर्व राज्यसभा सांसद गोपालनारायण सिंह सहित अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के सह संगठन संजय, हेमंत आदि सहित बड़ी संख्या में आए हुए साहित्यकार, इतिहासकार मौजूद रहे। समरोह का संचालन उपनिदेशक डॉ सौरभ मिश्र ने किया।

(Udaipur Kiran) / पवन पाण्डेय

Most Popular

To Top