
नाहन, 29 अप्रैल (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश के प्राचीनतम शिक्षण संस्थानों में से एक, नाहन स्थित वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल फॉर बॉयज ने मंगलवार को अपनी स्थापना के 242 वर्ष पूर्ण होने का गौरवमयी अवसर मनाया। 30 अप्रैल 1783 को तत्कालीन सिरमौर रियासत के महाराजा द्वारा एक प्राथमिक पाठशाला के रूप में शुरू किए गए इस विद्यालय ने शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक योगदान दिया है।
स्थापना दिवस समारोह की अध्यक्षता हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस वीरेंद्र सिंह ने की, जो स्वयं इसी स्कूल के पूर्व छात्र रहे हैं। उन्होंने अपने छात्र जीवन की स्मृतियों को साझा करते हुए विद्यार्थियों को शिक्षा के महत्व को समझने और नशे से दूर रहने की प्रेरणा दी।
जस्टिस सिंह ने कहा कि शिक्षा समाज के विकास की नींव है और यही वह अमूल्य निधि है जिसने उन्हें न्यायिक सेवा के शीर्ष तक पहुँचाया। उन्होंने अपने गुरुओं और स्कूली जीवन की यादें साझा करते हुए कहा कि इस विद्यालय से मिली शिक्षा ने उनके जीवन की दिशा तय की।
इस ऐतिहासिक स्कूल की नींव जहां महाराजा शमशेर प्रकाश ने रखी, वहीं इसके भवन निर्माण में महाराजा अमर प्रकाश का अहम योगदान रहा। उस समय दूर-दराज़ से आने वाले छात्रों के लिए बोर्डिंग हाउस की व्यवस्था भी की गई थी, जिसका भवन आज भी स्कूल परिसर में मौजूद है।
हिमाचल निर्माता डॉ. यशवंत सिंह परमार समेत कई राजनेता, प्रशासक, न्यायविद और खिलाड़ी इसी विद्यालय की देन हैं। जिला सिरमौर का यह पहला स्कूल आज भी अपने शैक्षणिक गौरव और सांस्कृतिक धरोहर को सहेजते हुए निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर है।
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(Udaipur Kiran) / जितेंद्र ठाकुर
