
गुजविप्रौवि में ‘नशे और रैगिंग के विरुद्ध जागरूकता अभियान’ के एक दिवसीय कार्यशाला
आयोजित
हिसार, 19 फरवरी (Udaipur Kiran) । गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय
के मनोविज्ञान विभाग के सौजन्य से ‘नशे और रैगिंग के विरुद्ध जागरूकता अभियान’ के तहत एक दिवसीय कार्यशाला
का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के चौधरी रणबीर सिंह सभागार में हुई इस कार्यशाला
में मनोविज्ञान विभाग के प्रोफेसर व विश्वविद्यालय के प्रोक्टर प्रो. संदीप राणा, एडीजीपी
कार्यालय हिसार के सब इंस्पेक्टर सज्जन कुमार व सामान्य अस्पताल के काउंसलर राहुल शर्मा
विशेष आमंत्रित वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। बुधवार को हुई कार्यशाला की अध्यक्षता
विभागाध्यक्ष डा. संजय परमार ने की जबकि कार्यशाला का समन्वय विभाग के सहायक प्रोफेसर
डा. गोविंद यादव ने किया।
प्रो. संदीप राणा ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि युवाओं को अच्छे नियमों
और संकल्पों को दृढ़ता के साथ जीवन में अपनाना चाहिए। सकारात्मक लोगों और अभिभावकों
के साथ वक्त बिताएं तथा अपना सामाजिक दायरा बढ़ाएं व तनाव से दूर रहें। उन्होंने कहा
कि मानसिक रूप से दृढ़ व्यक्ति बुरे से बुरे समय में भी नशे की दल-दल में नहीं फंसते।
उन्होंने युवा मनोवैज्ञानिकों से नशे के प्रति जागरूकता और रोकथाम की दिशा में उच्च
गुणवत्ता का शोध करने का आह्वान किया। उच्च स्तर का शोध नशे के विरूद्ध जागरूकता अभियानों
के लिए एक महत्वपूर्ण टूल के रूप में कार्य करेगा।
सज्जन कुमार ने कहा कि जिन युवाओं के जीवन का कोई उद्देश्य नहीं है, वे नशे
की दलदल में आसानी से फंस जाते हैं। उन्होंने प्रतिभागियों को नशे के प्रकार और तरीकों
के बारे में बताते हुए कहा कि पुलिस प्रशासन नशे को रोकने के लिए लगातार कार्यवाही
कर रहा है। साथ ही नशे के विरूद्ध जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं। सज्जन कुमार
ने प्रतिभागियों का एनडीपीएस एक्ट के प्रावधानों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि नशे की रोकथाम के लिए डिमांड व सप्लाई की चेन को तोड़ना जरूरी है।
नागरिक अस्पताल के काउंसलर राहुल शर्मा ने बताया कि भारत सरकार के सामाजिक
न्याय व अधिकारिता मंत्रालय द्वारा ‘नशा मुक्त भारत अभियान’ चलाया जा रहा है। उन्होंने
बताया कि नशे की लत लग जाती है तो नशे से बचना बेहद मुश्किल हो जाता है। नशे की लत
में फंसने के बाद केवल तीन प्रतिशत व्यक्ति ही इस लत को पूर्णतया छोड़ पाते हैं। नशा
भयंकर बीमारियों का कारण बनता है और नशा करने वाले व्यक्तियों की मृत्यु दर भी बहुत
अधिक होती है। उन्होंने किशोर न्याय एक्ट के बारे में भी जानकारी दी।
डा. संजय परमार ने अपने स्वागत संबोधन में बताया कि हरियाणा तथा सीमावर्ती
राज्यों में नशा तेजी से और भयंकर रूप से फैलता जा रहा है। यह वर्तमान युवा पीढ़ी के
लिए भयंकर खतरा है। डा. गोविंद यादव ने अपने धन्यवाद सम्बोधन में बताया कि इस कार्यशाला
में 300 प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रतिभागियों को इस अवसर पर नशे से दूर रहने की
शपथ दिलाई गई। कार्यक्रम के संयोजन में विभाग
की शिक्षिका डा. स्नेहा मित्तल व अन्चा रानी का विशेष योगदान रहा। विभाग की छात्राओं
साइना, खुशी, नेहा व कनुप्रिया ने मंच संचालन किया।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर
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