श्री आद्यशक्ति पीठ मां संतोषी आश्रम में दिव्य आध्यात्मिक प्रवचनों में कहा
हिसार, 10 नवंबर (Udaipur Kiran) । श्रीमद् भागवत गीता हमें जीवन जीने की राह बताती है। गीता हमारी पथ प्रदर्शक हे। गीता हमारे अंदर प्रकाश भरती है और यह हमारे गुरु के समान है। यह उपदेश महामंडेलश्वर संतोषी माता ने रविवार को मॉडल टाउन स्थित श्री आद्यशक्ति पीठ मां संतोषी आश्रम में श्रीमद् भगवत गीता पर चल रहे दिव्य आध्यात्मिक प्रवचनों के दौरान श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए दिए।
उन्होंने कहा कि गीता में चारों वेदों और 18 पुराणों का सार विद्यमान है। इसमें 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं। गीता को कितनी ही बार पढ़ो वह हमें हर बार नई ऊर्जा प्रदान करती है। माता श्री ने कहा कि संपूर्ण गीता नर और नारायण का संवाद है, जो डेढ़ घंटे का है। नारायण के रूप में भगवान श्री कृष्ण और नर के रूप में पांडव अर्जुन हैं। उन्होंने कहा कि इस संवाद से हमें सीख लेकर अपने जीवन में अपनाना चाहिए। इसमें योगी के लिए योग, ज्ञानी के लिए ज्ञान और भक्त के लिए भक्ति मौजूद है। उन्होंने कुरुक्षेत्र को कर्म क्षेत्र बताया।
व्यास पीठ पर विराजमान होने पर पीठ के वरिष्ठ पदाधिकारी मदनलाल गोयल ने माता श्री का तिलक करके व माल्यार्पण करके स्वागत किया। शांति देवी गर्ग, संतोष बंसल, सुनीता गर्ग, रेणू कालड़ा व हेमराज यादव ने भी माता श्री को माला अर्पण की व आशीर्वाद ग्रहण किया। सत्संग में पीठ के संयोजक राजमल काजल, वरिष्ठ उपप्रधान सुभाष बंसल, कोषाध्यक्ष लोकनाथ सिंगल, प्रवक्ता रमेश चुघ, भंडारा प्रभारी अनिल महता व महासचिव सुशील बुडाकिया सहित सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर