
हकृवि में अहिल्याबाई होलकर त्रिशती जन्मजयंती समारोह का आयोजन
हिसार, 31 मई (Udaipur Kiran) । हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मौलिक विज्ञान एवं मानवीकी
महाविद्यालय में पुण्यश्लोक लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर त्रिशती जन्मजयंती समारोह
का शनिवार काे आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज मुख्य
अतिथि रहे जबकि समाजसेवी प्रो. सीताराम व्यास मुख्य वक्ता के तौर पर उपस्थित हुए। पुलिस
पब्लिक डीएवी स्कूल हिसार की प्राचार्या डॉ. इंदु शर्मा विशिष्ट अतिथि तथा गुप्ता नियोनेटल
अस्पताल के डॉ. रविंद्र गुप्ता ने इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की। राष्ट्रीय संत समिति
के महामंत्री महामंडलेश्वर स्वामी कृष्णानंद जी महाराज भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने शनिवार काे अपने संबोधन में कहा कि अहिल्याबाई
होलकर एक वीर और न्याय प्रिय शासिका थी। वे एक आदर्श प्रशासक, समाजसेवी और धर्म परायण
महिला भी थी। उनका जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था। महारानी अहिल्याबाई मालवा प्रांत
की महारानी थी। अहिल्याबाई ने मालवा को एक समृद्ध राज्य बनाया। वे एक निडर शासिका थी।
उनकी कार्य प्रणाली बहुत ही सुगम एवं सरल थी। अहिल्याबाई होलकर एक कुशल शासक होने के
साथ-साथ महिला सशक्तिकरण की प्रबल पक्षधर थी। उन्होंने समाज की सेवा के लिए अपना सर्वस्व
समर्पित कर दिया। उनका नाम समूचे भारत वर्ष में बहुत ही सम्मान के साथ लिया जाता है।
मुख्य वक्ता प्रो. सीताराम ब्यास ने कहा कि लोकमाता अहिल्याबाई के शासनकाल
में आन्तरिक सुरक्षा और न्याय व्यवस्था बहुत सुदृढ थी। उन्होंने अनेक धर्मशाला, कुएं,
बावड़ी बनवाई। रोजगार के लिए विश्व प्रसिद्ध
महेश्वरी साड़ी का व्यापार करना, किसानों के लिए उत्तम खेती का प्रयास, महिलाओं की
सेना तैयार करना, अपनी पुत्री का विवाह भी एक वीर भील के साथ करना, अपने पति को जुर्माना
लगाना, सती प्रथा, शिक्षा व स्वरोजगार आदि अनेक कार्य करने का श्रेय जाता है। उन्होंने
1767 से 1795 तक मालवा क्षेत्र पर शासन किया। अहिल्याबाई एक न्याय प्रिय शासिका थी।
उन्होंने अपने बेटे को भी न्याय के लिए दंडित किया।
महामंडलेश्वर स्वामी कृष्णानंद जी महाराज ने कहा कि महारानी अहिल्याबाई होल्कर
के जीवन से हमें प्ररेणा लेनी चाहिए। उन्होनें महिला सेना की टुकड़ी का भी निर्माण
किया। अनेक मन्दिरों का जीर्णोद्धार करवाया। उन्होंने महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने
के लिए अनेक कदम उठाए। उन्होंने तीस वर्ष तक शासन किया। कार्यक्रम में डॉ रविंद्र गुप्ता व प्राचार्य डॉ इंदु शर्मा ने भी अपने विचार
रखें। कार्यक्रम में भुपेंद्र जी ने सभी का धन्यवाद किया। मंच संचालन आचार्य पवन वत्स
ने किया। इस अवसर पर सभी महाविद्यालयों के अधिष्ठाता, निदेशक, अधिकारी, विभागाध्यक्ष,
वैज्ञानिक, कर्मचारी व विद्यार्थी उपस्थित रहें।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर
