Haryana

हिसार : कुशल शासक व महिला सशक्तिकरण की पक्षधर थी अहिल्याबाई : संतोष कुमारी

एचएयू में कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए संतोष कुमारी।

हकृवि में अहिल्याबाई होलकर-महिला सशक्तिकरण का जीवंत उदाहरण पर गोष्ठी का

आयोजन

हिसार, 12 फरवरी (Udaipur Kiran) । हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के सामुदायिक विज्ञान

महाविद्यालय में पंचनद शोध संस्थान-अध्ययन केंद्र हिसार के सयुक्त तत्वाधान में ‘महारानी

अहिल्याबाई होलकर-महिला सशक्तिकरण का जीवंत उदाहरण’ विषय पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। कैपस

स्कूल की निदेशिका संतोष कुमारी ने गोष्ठी की अध्यक्षता की जबकि राजकीय महाविद्यालय

हिसार से सेवानिवृत्त प्रो. मुदिता वर्मा प्रस्तोता के तौर पर उपस्थित रहीं। सामुदायिक

विज्ञान महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ. बीना यादव ने गोष्ठी में स्वागताध्यक्ष रही।

कैंपस स्कूल की निदेशका श्रीमती संतोष कुमारी ने बुधवार को हुई इस गोष्ठी में

बताया कि महारानी अहिल्याबाई मालवा प्रांत की महारानी थी। उनकी कार्य प्रणाली बहुत

ही सुगम एवं सरल थी। अहिल्याबाई होलकर एक कुशल शासक होने के साथ-साथ महिला सशक्तिकरण

की प्रबल पक्षधर थी। उन्होंने समाज की सेवा के लिए अपना सर्वस्व समर्पित कर दिया। उनका

नाम समूचे भारत वर्ष में बहुत ही सम्मान के साथ लिया जाता है। उन्होंने बताया कि स्त्री

शिक्षा को लेकर उन्होंने सर्वप्रथम आवाज उठाई और इस दिशा मे बहुत काम किया। उन्होंने

महिलाओं की आर्थिक आजादी, सामाजिक समानता और धार्मिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए

भी अथक प्रयास किए। विपरीत परिस्थितियों के बावजूद महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने समाज

को नई दिशा दिखाई। महारानी अहिल्याबाई होल्कर के जीवन से हमें प्ररेणा लेनी चाहिए।

उन्होनें महिला सेना की टुकड़ी का भी निर्माण किया। उन्होंने बताया कि अहिल्याबाई होल्कर

को लोग देवी के रूप में भी मानते हैं और उनकी पूजा करते हैं।

प्रो. मुदिता वर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने

महिला सशक्तिकरण एवं जन कल्याण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए। अहिल्याबाई होल्कर

त्याग, न्याय और धर्म की प्रतिभूति महिला थी। उन्होंने तालाब, कुएं, बावडिय़ां, सडक़ें,

प्याऊ तथा सराय बनवाने के साथ-साथ भूखे व्यक्तियों के लिए भोजन की व्यवस्था का भी समुचित

प्रबंध किया। महारानी अहिल्याबाई होल्कर के साम्राज्य की मुद्रा पर भगवान शिव जी की

छाप अंकित होती थी तथा उनके हाथों में हमेशा छोटा सा शिवलिंग रहता था। मुस्लिम शासक

औरंगजेब द्वारा सोमनाथ, ज्ञानवापि, बद्रीनाथ, ज्योर्तिलिंग, उज्जैन, द्वारिका इत्यादि

तुडवाए गए हिंदू मंदिरों का भी जीर्णोदार करवाया। ऐसी महान विभूतियों को याद रखते हुए

उनके जीवन से प्ररेणा लेनी चाहिए।

इस अवसर पर राज्य सूचना आयुक्त एवं पंचनद शोध संस्थान हिसार के अध्यक्ष डॉ.

जगबीर सिंह, पंचनद शोध संस्थान के संरक्षक ज्ञानचंद बंसल, सचिव डॉ. मोहित कुमार, मीडिया

सलाहकार डॉ. संदीप आर्य, कोषाध्यक्ष डॉ. विवेक श्रीवास्तव सहित अनेक पदाधिकारी व गणमान्य

व्यक्ति उपस्थित रहे।

(Udaipur Kiran) / राजेश्वर

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