Haryana

हिसार : ‘सेल्फ डिफेंस विपरीत परिस्थिति में खुद की रक्षा करने की तकनीक’

सेल्फ डिफेंस में छात्राओं को सेल्फ डिफेंंस की ट्रेनिंग देते कोच रोहतास कुमार।

गवर्नमैंट वूमन कॉलेज की छात्राओं के लिए सेल्फ डिफेंस शिविर आयोजित

हिसार, 7 मार्च (Udaipur Kiran) । गवर्नमेंट वूमन कॉलेज की छात्राओं का राजकीय वरिष्ठ

माध्यमिक विद्यालय धांसू में एनएसएस शिविर चल रहा है। इस शिविर में जहां छात्राओं ने

एनएसएस का प्रशिक्षण लिया वहीं उन्होंने सेल्फ डिफेंस में भी महारत हासिल की। छात्राओं

ने सेल्फ डिफेंस की विभिन्न तकनीकें सीखकर खुद को आत्मरक्षा के मामले में आत्मनिर्भर

बनाया।

शिविर में छात्राओं को इसका प्रशिक्षण सेल्फ डिफेंस कोच रोहतास कुमार ने दिया

जो अब तक लाखों महिलाओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दे चुके हैं। उनका मुख्य उद्देश्य

महिलाओं को खुद की रक्षा खुद करने में समर्थ बनाने का है। शिविर में स्कूल के प्रिंसिपल

डॉ. सतबीर सांगा, वूमन कॉलेज की एनएसएस पीओ हीना पाहुजा व मधुबाला तथा समाज सेविका

साधिका अरोड़ा मुख्य तौर पर उपस्थित रहे। साधिका अरोड़ा छात्राओं को आध्यात्मिका और

हमारी संस्कृति के प्रति जागरुक एवं प्रेरित करने का कार्य कर रही हैं। प्रिंसिपल डॉ.

सतबीर सांगा ने कहा कि सेल्फ डिफेंस विपरीत परिस्थिति में खुद की रक्षा करने की कारगर

तकनीक है इसे हर छात्रा को जरूर सीखना चाहिए।

कोच रोहतास कुमार ने बताया कि सेल्फ की ट्रेनिंग हर महिला के लिए जरूरी है

और महिलाओं को यह जरूर सीखनी चाहिए। कुछ साधारण तकनीक सीखकर ही महिलाएं हर परिस्थिति

में खुद को सुरक्षित करने में सक्षम हो जाती हैं। सेल्फ डिफेंस के शिविरों के जरिए

कॉलेज की छात्राओं को आत्मविश्वास बढ़ता है और वे मुश्किल परिस्थितियों से निपटने व

खुद का बचाव का तरीका सीखती हैं।

कोच ने सेल्फ डिफेंस की तकनीकों के बारे में बताया कि इन शिविरों में लड़कियों

को व्यावहारिक रूप से मार्शल आर्ट की तकनीकें सिखाई जाती हैं। लड़कियों को हर परिस्थिति

में खुद की रक्षा करने के टिप्स दिए जाते हैं। इन तकनीकों में लड़कियों को आगे की ओर

लुढक़ना, पीछे की ओर लुढक़ना, धक्के लगने पर कैसे निपटना है, एक निर्धारित जगह पर वार

करके किस तरह से सामने वाले को कुछ समय के लिए बेहोश किया जा सकता है। अपने दुपट्टे

को हथियार के रूप में कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं। छाती में वार करके सामने वाले को

एक सैकेंड में कैसे धराशायी कर सकते हैं आदि ऐसी तकनीके हैं जिनसे सामने वाला भौचक्का

होकर हमला करने की बजाय बचाव की स्थिति में आ जाता है। रोहतास कुमार ने बताया कि सेल्फ

डिफेंस की ट्रेनिंग के बाद लड़कियों में एक अलग आत्मविश्वास जागृत होता है।

(Udaipur Kiran) / राजेश्वर

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