Haryana

हिसार : मानसिक शांति और उज्जवल जीवन का अद्वितीय मार्ग है संजीवनी ध्यान : आचार्या मां साक्षी

कौशिक नगर स्थित साधना केंद्र में आयोजित ध्यान कार्यक्रम में भाग लेते साधक।

हिसार, 8 दिसंबर (Udaipur Kiran) । ओशो सिद्धार्थ फाउंडेशन के तत्वाधान में ओशोधारा मैत्री संघ की ओर से कौशिक नगर स्थित साधना केंद्र में आयोजित रविवार के संडे ध्यान कार्यक्रम में आचार्या मां साक्षी ने संजीवनी ध्यान करवाया।

उन्होंने बताया कि संजीवनी ध्यान का अर्थ होता है जीवन का समर्थन या जीवन की ऊर्जा का संग्रह। यह एक प्रमुख ध्यान पद्धति है, जो साधकों को मानसिक शांति, आत्मा का समर्थन और आध्यात्मिक उन्नति की की दिशा में मार्गदर्शन करती है। इस ध्यान पद्धति का उद्दीपन मुख्य रूप से भारतीय सांस्कृतिक और धार्मिक परम्पराओं से हुआ है और यह ध्यान साधने वाले को शांति, सुख और समृद्धि की प्राप्ति का उत्कृष्ट अनुभव करने का उद्देश्य रखता है। यह ध्यान विभिन्न आसन, प्राणायाम, मुद्राएं और मन को नियंत्रित करने के तकनीकों का समाहित मिश्रण है। संजीवनी ध्यान का प्रशिक्षण ध्यान गुरुओं द्वारा दिया जाता है, जो अपने शिष्यों को ध्यान की शिक्षा और मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। ध्यान की प्रैक्टिस करने से व्यक्ति अपने जीवन को सकारात्मकता, स्वस्थ सम्बंध, और आत्म-समर्पण की दिशा में बदल सकता है। संजीवनी ध्यान एक सांस्कृतिक और धार्मिक अभ्यास होता है जो साधकों को आत्मा के अद्वितीयता का अनुभव करने का मार्ग दिखाता है। प्रत्येक रविवार सुबह 8 से 10 बजे ओशोधारा मैत्री संघ अपने साधना केंद्र मिर्जापुर रोड, कौशिक नगर में ध्यान के कार्यक्रम का आयोजन करता है, जोकि सभी के लिए निशुल्क होता है और प्रशिक्षित आचार्य ही वो ध्यान का सेशन लेते हैं। ध्यान के बाद ओशोधारा हरियाणा के संयोजक आचार्य सुभाष ने साधकों को सम्बोधित करते हुए बताया कि ओशोधारा के कार्यक्रम वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दृष्टि से प्रमाणिक है और ध्यान को घर-घर तक पहुंचाने के उद्देश्य से हर सप्ताह पूरे देश में ध्यान योग का कार्यक्रम तय किया गया है।

(Udaipur Kiran) / राजेश्वर

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