हकृवि में वीर बाल दिवस पर कार्यक्रम आयोजित
हिसार, 27 दिसंबर (Udaipur Kiran) । हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो बीआर
कम्बोज ने कहा है कि श्री गुरु गोविंद सिंह जी के साहिबजादों जोरावर सिंह और फतेह सिंह
का त्याग एवं बलिदान युवाओं के लिए प्ररेणा स्त्रोत है। जोरावर सिंह और फतेह सिंह में
बाल्य अवस्था में ही अपार साहस था।
कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज शुक्रवार को छात्र कल्याण निदेशालय द्वारा वीर बाल
दिवस के उपलक्ष्य में मौलिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम
को संबोधित कर रहे थे। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने कार्यक्रम में
मुख्य अतिथि रहे जबकि गुरुद्वारा सिख प्रबंधक कमेटी हिसार के अध्यक्ष सरदार सुख सागर
मुख्य वक्ता के तौर पर मौजूद रहे। कुलपति ने कहा कि श्री गुरु गोविंद सिंह जी के परिवार
की शहादत का वृतांत सुनकर आंखें नम हो जाती है। हमारे देश का इतिहास महापुरुषों, ऋषि-मुनियों
एवं रणबांकुरों की गौरव गाथाओं से भरा हुआ है। हमारे देश की संस्कृति विश्व में सर्वोपरि
है। उन्होंने बताया कि शिक्षण संस्थाओं में महापुरुषों की जयंती इसलिए मनाईं जाती हैं
ताकि विद्यार्थी उनके आदर्शों से प्रेरणा लेकर समाज एवं राष्ट्र के नवनिर्माण में अपना
योगदान दे सकें। प्रधानमंत्री ने वर्ष 2022 में श्री गुरू गोविंद सिंह जी के प्रकाश
पर्व के अवसर पर 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाने की घोषणा के बाद से यह दिन वीर बाल
दिवस के रूप में मनाया जाता है।
सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरदार सुखसागर ने बताया कि श्री गुरू
गोविंद सिंह जी के साहिबजादों ने मुगल सल्तनत के सभी प्रलोभनों को ठुकरा दिया, सभी
अत्याचारों को सहन किया और वजीरखान द्वारा दिए गए मृत्युदंड को पूरी बहादुरी के साथ
स्वीकार किया। उन्होनें श्री गुरु गोविंद सिंह जी के परिवार के त्याग और बलिदान से
जुड़े अनेक वृतांत सुनाएं।
सरदार गुरमिंदर सिंह ने बताया कि तन के साथ मन की देखभाल भी जरूरी है, जैसे
तन को स्वस्थ रखने के लिए भोजन की जरूरत है इसी प्रकार मन को ठीक रखने के लिए भगवान
का नाम भी जरूरी है। विधार्थी प्रिंस सूरा व विवेक ने भी जोरावर व फतेह सिंह के बारे
में प्रस्तुति दी। छात्र कल्याण निदेशक डॉ मदन खीचड़ ने कार्यक्रम में सभी का स्वागत
किया। मौलिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ राजेश गेरा ने कार्यक्रम
में आए हुए सभी का धन्यवाद किया। इस अवसर पर विभिन्न महाविद्यालयों के अधिष्ठाता, निदेशक,
अधिकारी, शिक्षक एवं गैर शिक्षक कर्मचारी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर