
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं डेटा साइंस विभाग तेजी से उभरता उत्कृष्टता का केंद्रतकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय का नया कीर्तिमानहिसार, 19 मई (Udaipur Kiran) । गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने बताया कि विश्वविद्यालय के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं डेटा साइंस विभाग ने वर्ष 2023 में अपनी स्थापना के बाद से ही तकनीकी शिक्षा एवं अनुसंधान के क्षेत्र में एक नया मानक स्थापित किया है। यह विभाग उच्च गुणवत्तायुक्त शिक्षण, नवाचार-प्रेरित शोध और अत्याधुनिक तकनीकी अवसंरचना पर बल देते हुए उत्तर भारत में एक अग्रणी शैक्षणिक विभाग के रूप में उभरा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप विभाग में एक बहुविषयक, परियोजना-आधारित और शोध-संचालित शिक्षण वातावरण तैयार किया गया है, जो विद्यार्थियों को भविष्य की तकनीकों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा साइंस, साइबर सिक्योरिटी, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, क्लाउड कंप्यूटिंग और ब्लॉकचेन इत्यादि से जोड़ता है।विभागाध्यक्ष प्रो. धर्मेन्द्र कुमार ने साेमवार काे बताया कि विभाग में वर्तमान में विभाग में पीएचडी (कंप्यूटर साइंस) संचालित है, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा साइंस, साइबर सुरक्षा जैसे समसामयिक शोध क्षेत्रों को शामिल किया गया है। इसके अतिरिक्त एमएससी कंप्यूटर साइंस (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं डेटा साइंस) 60 सीटों, बीटेक (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं डेटा साइंस) 60 सीटों, इंटीग्रेटेड बीएससी (ऑनर्स/ऑनर्स विद रिसर्च)-एमएससी कंप्यूटर साइंस (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं डेटा साइंस ) 120 सीटों तथा इंटीग्रेटेड बीएससी (ऑनर्स/ऑनर्स विद रिसर्च)-एमएससी कंप्यूटर साइंस (साइबर सिक्योरिटी) 50 सीटों के साथ संचालित किए जा रहे हैं।प्रो. धर्मेन्द्र कुमार विभाग की प्रमुख उपलब्धियों में उत्तर भारत के किसी भी राज्य विश्वविद्यालय में पहली बार ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट आधारित हाई परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग लैब (30 वर्कस्टेशन) की स्थापना तथा अत्याधुनिक लैब के लिए अतिरिक्त 30 ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट आधारित वर्कस्टेशन की खरीद प्रक्रिया प्रगति शामिल हैं। विभाग में स्थापित प्रयोगशालाएं इंडस्ट्री प्रोजेक्ट्स, अनुसंधान और कौशल विकास की दृष्टि से डिजाइन की गई हैं तथा विभाग के शिक्षक अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में निरंतर प्रकाशन कर रहे हैं तथा देश-विदेश के प्रतिष्ठित संस्थानों से अकादमिक सहयोग स्थापित कर रहे हैं।प्रो. धर्मेन्द्र कुमार ने बताया कि विभाग के विद्यार्थियों को नवीनतम तकनीकों में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। साथ ही उन्हें इंटरडिसिप्लिनरी लर्निंग, लाइव प्रोजेक्ट्स, इंडस्ट्री इंटर्नशिप्स और स्टार्टअप संस्कृति को समझने का व्यावहारिक अनुभव भी मिल रहा है। विभाग के ये प्रयास विद्यार्थियों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने के साथ-साथ उच्च शिक्षा और रोजगार के अंतरराष्ट्रीय अवसरों की ओर भी मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं।विभाग शिक्षण और शोध के साथ-साथ संकाय एवं विद्यार्थियों के व्यावसायिक विकास के लिए भी निरंतर प्रयासरत है। इस दिशा में विभाग द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं डेटा एनालिटिक्स के क्षेत्र में फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का सफल आयोजन किया गया है। इसके अतिरिक्त, ‘पाइथन प्रोग्रामिंग एवं टूल्स फॉर डेटा साइंस’ तथा ‘डेटा एनालिटिक्स’ पर आधारित प्रायोगिक कार्यशालाएं भी आयोजित की गई हैं, जिनमें प्रतिभागियों को हैंड्स-ऑन अनुभव प्रदान किया गया। इन कार्यशालाओं के दौरान भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (एनआईटी) के वरिष्ठ शिक्षाविदों तथा इंडस्ट्री प्रोफेशनल्स व विशेषज्ञों ने अपनी प्रैक्टिकल नॉलिज प्रतिभागियों के साथ साझा की, जिससे विद्यार्थियों व शिक्षकों को अत्यंत लाभ प्राप्त हुआ।विभागाध्यक्ष डॉ. धर्मेन्द्र कुमार ने कहा कि विभाग का उद्देश्य विद्यार्थियों को न केवल तकनीकी रूप से दक्ष बनाना है, बल्कि उन्हें शोध, नवाचार और उद्यमिता में भी अग्रणी बनाना है। हमारा लक्ष्य है ऐसे पेशेवर तैयार करना जो भारत को डिजिटल युग में वैश्विक नेतृत्व प्रदान कर सकें। डॉ. सुनील कुमार कौशिक ने बताया कि विभाग के सभी पाठ्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप डिजाइन किए गए हैं, जिनमें रिसर्च, नवाचार, इंडस्ट्री रेडी स्किल्स और मल्टी-डिसिप्लिनरी दृष्टिकोण को विशेष महत्व दिया गया है।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर
