मीनू ने तिरंगा फहराकर रचा नया इतिहास
हिसार, 14 सितंबर (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश की खूबसूरत कुल्लू घाटी में स्थित पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला की जगतसुख चोटी (5050 मीटर) पर मीनू कालीरमन ने तिरंगा फहराकर साहस, समर्पण और अदम्य इच्छाशक्ति का परिचय दिया। इस अद्वितीय अभियान के दौरान मीनू ने न केवल हिमालय के इस दुर्गम क्षेत्र में विजय हासिल की, बल्कि भारत की बेटियों के लिए एक नई प्रेरणा का संचार भी किया।
मूलरूप से डाटा व वर्तमान में हिसार की नई अनाज मंडी निवासी मीनू कालीरमन इससे पहले भी पर्वतारोहण की दुनिया में कई बड़े कीर्तिमान स्थापित कर चुकी हैं। उन्होंने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी ‘माउंट एवरेस्ट’ और दुनिया की चौथी ऊंची चोटी ‘माउंट लहोत्से’ पर एक साथ तिरंगा फहराकर रिकॉर्ड बनाया था और इस उपलब्धि को सबसे कम समय में पूरा करने वाली देश की पहली बेटी बन चुकी हैं। मीनू अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी ‘माउंट किलिमंजारो’, नेपाल की माउंट मेरा पीक, हिमाचल की माउंट फ्रेंडशिप पीक, और लद्दाख की माउंट युनाम पीक पर भी तिरंगा फहराने का गौरव प्राप्त कर चुकी हैं।
उनकी इन महान उपलब्धियों के लिए भगत सिंह फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष रेनू कादयान ने उन्हें फाउंडेशन का ब्रांड एम्बेसडर बनाया है। इसके साथ ही मीनू नशा मुक्त हरियाणा मुहिम को भी सक्रिय रूप से आगे बढ़ा रही हैं, जो समाज के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण और सराहनीय कार्य है। पर्वतारोही मीनू का सफर यहीं नहीं रुकता। उन्हें हरियाणा में कृषि विमान पायलट के पहले बैच की एकमात्र लड़की पायलट बनने का गौरव भी प्राप्त है। उनकी इसी मेहनत और समर्पण के चलते उन्हें भारत गौरव, जाट रत्न, पंजाब का धीयाँ दा मान, और यूथ आइकन अवार्ड-2021 जैसे कई महत्वपूर्ण सम्मान भी मिल चुके हैं। वर्ष 2023 में मीनू को ब्रांड एंबेसडर इंटरनेशनल मिलेट्स ईयर के रूप में भी चुना गया था, जो उनके व्यापक योगदान को दर्शाता है।
मीनू कालीरमन अपने साहस और मेहनत से न केवल अपने परिवार और राज्य, बल्कि पूरे देश का नाम रोशन कर रही हैं। इस बार जब मीनू ने हिमाचल प्रदेश की दुर्गम जगतसुख चोटी पर तिरंगा फहराया, तो यह सिर्फ एक पर्वतारोहण की उपलब्धि नहीं, बल्कि हरियाणा और पूरे देश के लिए गर्व का क्षण बना। मीनू ने एक बार फिर साबित किया कि कड़ी मेहनत और संकल्प से किसी भी ऊंचाई को छुआ जा सकता है तथा किसी भी क्षेत्र में लड़कों से लड़कियां काम नहीं हैं।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर