Haryana

हिसार : मां उषा ने मिर्जापुर में लगाए 250 पौधे, 108 पौधे अपने बच्चों के नाम लगाए

मिर्जापुर गांव में पौधरोपण करते आचार्या मां उषा व स्वामी सहजानंद।

बच्चे के जन्म संस्कार से लेकर अंतिम संस्कार तक लकड़ी के फायदे गिनाए

देश-दुनिया में पेड़ों की हो रही अंधाधुंध कटाई पर रोष जताया

हिसार, 19 जुलाई (Udaipur Kiran) । निकटवर्ती मिर्जापुर में स्प्रिचुअल हिलर एवं वर्ल्ड क्लाइमेट चेंज फाउंडेशन की ब्रांड एम्बेसडर मां उषा ने पीएम मोदी के ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत 250 पेड़ लगाए। इनमें से 108 पौधे अपने बच्चों के नाम लगाए। मिर्जापुर में शुक्रवार को आयोति इस कार्यक्रम में आचार्या मां उर्षा ने कहा कि आज लगाए 108 पेड़ों का आगामी तीन साल तक रखरखाव का जो भी खर्च आएगा उसे वे स्वयं वहन करेंगी। वे अपने तीन दिवसीय हिसार प्रवास के दूसरे दिन वे गांव मिर्जापुर पहुंची थीं।

इस दौरान उनके साथ स्वामी सहजानंद सरस्वती समेत अनेक ग्रामीण उपस्थित रहे। मां उषा ने कहा कि मिशन ग्रीन फाउंडेशन के साथ मिलकर समय-समय पर पर्यावरण की रक्षा के लिए सक्रिय भागीदारी करेंगी। उन्होंने कहा कि पेड़ हमारे जीवन और सृष्टि का आधार हैं। हम इंसान आज इतने स्वार्थी हो गया है कि देश-दुनिया में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई जारी है जबकि उतनी संख्या में लगाए जा रहे पौधे पेड नहीं बन पा रहे हैं जिससे मानव समेत सभी जीव-जंतुओं के जीवन पर खतरा मंडराने लगा है। पेड़ों का महत्व इतना ज्यादा है कि जब बच्चा पैदा होता है तो वह जिस चूल्हे और पलंग पर भी बैठता है वह लकड़ी का होता है, घर के दरवाजे और खिडकियां भी लकड़ी की होती हैं। बच्चा बड़ा होने के बाद जिस ऑफिस में जाता है वहां की कुर्सी व मेज भी लकड़ी की होती है।

आदमी जब बूढा होता है तो उसके हाथ में छड़ी भी लकड़ी की होती है और मृत्यु होने पर जब श्मशान में अंतिम संस्कार होता होता है तो उसकी अंत्येष्टि में भी 9 मण लकड़ी का इस्तेमाल होता है। कहने का अभिप्राय यह है कि पेड़ों का जीवन में इतना महत्व होते हुए भी आमजन पौधारोपण अभियान में उदासीनता बरत रहा है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि मिशन ग्रीन फाउंडेशन के तहत हिसार में स्वामी सहजानंद सरस्वती पर्यावरण को बचाने में सराहनीय प्रयास कर रहे हैं।

(Udaipur Kiran) / राजेश्वर / SANJEEV SHARMA

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