हिसार, 26 अगस्त (Udaipur Kiran) । सरकार द्वारा पुरानी पेंशन योजना बंद कर अप्रैल 2004 से लागू की गई न्यू पेंशन स्कीम के खिलाफ संघर्ष कर रहे कर्मचारियों के साथ केंद्र की मोदी सरकार ने यूनीफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) के नाम खिलवाड़ किया है।
यह बात अखिल भारतीय राज्य कर्मचारी परिसंघ के राष्ट्रीय चेयरमैन एमएल सहगल ने सोमवार को केन्द्र सरकार द्वारा जारी यूपीएस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही। उन्होंने कहा कि न्यू पेंशन स्कीम यानि एनपीएस के खिलाफ कर्मचारी वर्ग पिछले 20 सालों से लगातार संघर्षरत हैं और पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने की मांग उठाई जा रही है। मई 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में लगे झटके और भविष्य में सत्ता के लिए बनने वाले खतरे को भांपते हुए गत 24 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यूनीफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) की घोषणा कर कर्मचारियों को भरमाने का प्रयास किया गया है।
उन्होंने बताया कि यह पेंशन स्कीम अप्रैल 2025 से लागू होनी प्रस्तावित है। केंद्र सरकार का यह निर्णय हरियाणा सरकार के सभी विभागों, बोर्ड, निगमों, विश्वविद्यालयों व सहकारी संस्थानों के कर्मचारियों पर भी लागू होता है।
एमएल सहगल ने कहा कि एनपीएस की तर्ज पर यूपीएस का संकल्प लेने वाले कर्मचारियों को मूल वेतन की 10 प्रतिशत राशि प्रतिमाह कटौती करवानी होगी। उन्होंने बताया कि पुरानी पेंशन स्कीम में 10 वर्ष की सेवा उपरांत पेंशन सुविधा देय हो जाती थी, जबकि यूपीएस 25 वर्ष सेवाकाल उपरांत पेंशन सुविधा मिल पाएगी। उन्होंने बताया कि पुरानी पेंशन स्कीम में सेवानिवृति के समय 40 प्रतिशत पेंशन कम्यूटेशन आधीन राशि देय थी, जिसकी प्रतिपूर्ति 15 वर्ष में कर ली जाती थी, लेकिन यूपीएस में इसका कोई विवरण नहीं दिया गया है।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर / SANJEEV SHARMA