
स्वामी स्मरणानंद गिरी व स्वामी आद्यानंद गिरी ने ध्यान के विविध पहलुओं से
करवाया रूबरू
दो दिवसीय योगदा सत्संग व ध्यान शिविर मिटटाउन ग्रैंड में संपन्न, साधकों ने
सीखा क्रिया योग
हिसार, 19 मई (Udaipur Kiran) । योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा मिडटाउन ग्रेंड
में आयोजित किए गए दो दिवसीय सत्संग व ध्यान शिविर का समापन हुआ। द्वितीय दिवस योगदा
सत्संग सोसायटी ऑफ इंडिया के उपाध्यक्ष स्वामी स्मरणानंद गिरी जी व नोएडा में योगदा
सत्संग आश्रम की शाखा के प्रभारी स्वामी आद्यानंद गिरी जी ने साधकों को ध्यान के विविध
पहलुओं रूबरू करवाया। इसके साथ ही साधकों को क्रिया योग का अभ्यास भी करवाया गया।
स्वामी स्मरणानंद गिरी ने साधकों को प्रात:कालीन सत्संग में ध्यान को गहरा
व मधुर कैसे बनाएं विषय पर प्रवचन दिए। उन्होंने कहा कि योगदा सत्संग पाठमाला हमें
ईश्वर का प्रत्यक्ष अनुभव करवाती है। शिष्य यदि परमहंस योगानंद जी की शिक्षाओं का नियमित
निर्देशानुसार अनुसरण करता है तो वह किसी राय का मोहताज नहीं रहता। उन्होंने कहा कि
ध्यान में अभ्यास की नियमितता व स्थिरता हमें आध्यात्मिक ऊंचाई तक पहुंचा देती है।
सायंकालीन सत्संग में स्वामी आद्यानंद गिरी जी ने संतुलित, आदर्श और आनंदपूर्ण
जीवन विषय पर प्रवचन दिए। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक उन्नति के लिए सभी शारीरिक, मानसिक,
सामाजिक कर्तव्यों का उत्साहपूर्वक व एकाग्रता से पालन करना चाहिए। योगदा सत्संग की
पाठमाला हमें संतुलित जीवन जीने की कला का ज्ञान देती है। उन्होंने कहा कि भगवान को
हम जिस रूप में मानते हैं, भगवान उसी रूप में हमारे पास आकर साकार या निराकार रूप में
दर्शन देते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि ध्यान का अर्थ केवल पूजा नहीं है बल्कि परिवार,
व्यवसाय व सामाजिक कार्यों सहित समस्त कार्यों को एकाग्रता, उत्साह व विश्वास से करना
है। स्वामी आद्यानंद गिरी जी ने ध्यान को नियमित रूप से अपने जीवन में अपनाने का आह्वान
भी किया।
हिसार की योगदा सत्संग ध्यान मंडली की अध्यक्ष शबनम हंस ने बताया कि दो दिवसीय
सत्संग व ध्यान शिविर का सैकड़ों लोगों ने लाभ उठाया और स्वामी स्मरणानंद गिरी व स्वामी
आद्यानंद गिरी के प्रवचनों से लाभान्वित होकर काफी संख्या में लोगों ने योगदा सत्संग
पाठमाला को अपनाने का संकल्प लिया। उन्होंने बताया कि योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ इंडिया
भारत सहित अन्य देशों में 200 से अधिक केंद्रों, मंडलियों, रिट्रीट व आश्रमों की देखरेख
करती है। इन स्थलों पर साप्ताहिक सेवाएं, समूह ध्यान और अन्य कार्यक्रम आयोजित किए
जाते हैं। कई स्थानों पर बच्चों के लिए रविवारीय स्कूल कक्षाएं भी चलाई जाती हैं।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर
