
वेदों में हर प्रकार का ज्ञान : स्वामी सच्चिदानंद
हिसार, 11 अप्रैल (Udaipur Kiran) । आर्य समाज के 150वें स्थापना वर्ष के उपलक्ष्य में
आर्य समाज, मॉडल टाऊन में चल रही वेद कथा के तीसरे दिन की शुरुआत भी हवन-यज्ञ से की
गई। आर्य समाज के आचार्य सूर्यदेव वेदांशु ने बताया कि हवन में जय कुमार बंसल, मनोज
माहेश्वरी, अरविन्द बंसल, आशीष गोयल सपत्नीक यजमान रहे। इनके अलावा उपस्थित लोगों ने
हवन में आहुतियां डाली।
यज्ञ के ब्रह्मा आचार्य सूर्यदेव वेदांशु ने मानुष मन में जरा विचार, जिसने
रचा सकल संसार, ऐसा कारीगर जग से न्यारा कौन है? पृथ्वी सूर्य तेज भंडार, चांद और तारों
का विस्तार, इनको चलने का करता इशारा कौन है? भजन सुना कर यजमानों को आशीर्वाद दिया। वेद कथा में अजमेर से पहुंचे स्वामी सच्चिदानंद महाराज ने मुख्य वक्ता के रुप
में शुक्रवार काे कहा कि आज दुनिया में यदि वेद जिंदा है तो उसका श्रेय महर्षि दयानंद को जाता है,
विश्व के समस्त वैज्ञानिक वेदों पर अनुसंधान कर रहे हैं। कुरान या बाइबल पर कोई वैज्ञानिक
रिसर्च नहीं कर रहा है। इससे सिद्ध होता है कि वेदों में हर प्रकार का ज्ञान है। भारत
वासियों को इस पर गर्व होना चाहिए कि हमारे पास वेद हैं।
भजनोपदेशिका सुकीर्ति आर्या
ने मानव तू अगर चाहे दुनिया को हरा देना, बस ईश्वर के दर पर सिर अपना झुका देना..
..भजन सुनाया। भजन गायक राम रख आर्य ने दुनिया के मेले में आना और जाना है, कुछ पाकर
खोना है कुछ खो कर पाना है। बीती जाए रे तेरी उमरिया, हो गई मैली चदरिया.. .. भजन सुना
कर श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया।
इस अवसर पर आर्य समाज से जगदीश प्रसाद आर्य, वीरेंद्र आर्य, पवन रावलवासिया,
सुभाष आर्य, वेद प्रकाश आर्य, सुरेन्द्र बेरवाल, मदन वासुदेवा, संजीव भाटिया, अशोक
गौतम, अजमेर सिंह, ईश्वर सिंह पूनिया, रामशरण बैनीवाल, सावित्री, निर्मला, उमा अग्रवाल,
कंचन डुडेजा, सुमन बत्रा, साधना मेहता, ललिता शास्त्री, राज वर्मा आदि भी उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर
