कार्यशाला-सह-प्रशिक्षण कार्यक्रम बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस) आयोजित
हिसार, 28 अगस्त (Udaipur Kiran) । गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा है कि आपातकालीन स्थिति में जीवन रक्षक प्रक्रिया किसी भी बहुमूल्य जीवन को बचाने के लिए रामबाण साबित हो सकती है। हम सबको आपातकालीन जीवन रक्षक प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी होनी चाहिए ताकि जरूरत पड़ने पर हम इनका उपयोक कर सकें।
प्रो. नरसी राम बिश्नोई बुधवार को विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना तथा विश्वविद्यालय स्वास्थ्य केंद्र के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित कार्यशाला-सह-प्रशिक्षण कार्यक्रम बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस) को सम्बोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम का आयोजन सपरा अस्पताल के सौजन्य से किया गया। विश्वविद्यालय की प्रथम महिला डा. वंदना बिश्नोई इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रही। कार्यक्रम का संयोजन एनएसएस समन्वयक डॉ. अंजू गुप्ता, स्वास्थ्य केंद्र की वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. सरीना हसीजा, सपरा अस्पताल की सीईओ डॉ. सुनिधि सपरा ने किया।
कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि हमें जीवन में अप्रत्याशित परिस्थिति के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। सही समय पर किया गया उचित प्रयास अत्यंत उपयोगी हो सकता है। यह कार्यशाला प्रतिभागियों को न केवल जीवन रक्षा के सिद्धांतों से अवगत कराएगी, बल्कि उनमें समाज के प्रति संवेदनशीलता तथा सेवाभाव जागृत करने में भी महत्वपूर्ण साबित होगी। कार्यशाला में इंटरनेशनल मास्टर ट्रेनर डॉ. सतिंद्र तंवर ने अत्यंत सरल व प्रभावी तरीके से बेसिक लाइफ सपोर्ट के विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस) कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) का उपयोग रोगी के रक्त संचार और श्वसन को सहारा देने के लिए किया जाता है। डॉ. विकास जांगड़ा ने सभी का धन्यवाद किया। कार्यशाला में लगभग 400 प्रतिभागी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय स्वास्थ्य केन्द्र के डा. सुनील व डा. नीता सहित एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ. विक्रमजीत सिंह, डॉ. विनीता, डॉ सुनीता रानी, डॉ. नरेंद्र, डॉ. ललित शर्मा, डॉ. विकास जांगड़ा व दलबीर उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर