
सफलता पर सरपंच सहित अनेक प्रशंसकों ने दी कोमल व परिजनों को बधाई
हिसार, 9 मई (Udaipur Kiran) । जिले के गांव चुली देशवाली की कोमल बेनीवाल ने अपनी पहली किताब ‘साहित्या एक बेबाक परिंदा’ से साहित्य के बगीचे में एक नया फूल खिला दिया है। यह काव्य संग्रह उनके कोमल मन की गहरी उड़ान है, जो जीवन की राहों को, नारी की बात को, देश की शान को और समाज के रंगों को शब्दों की माला में पिरोता है।कोमल की जड़ें देशभक्ति और सेवा की पावन मिट्टी से जुड़ी हैं। उनके परदादा तोताराम बैनीवाल ने आज़ादी की जंग में हिस्सा लिया, दादा शेरसिंह बैनीवाल ने सेना में मुल्क की हिफाज़त की और पिता सतीश बेनीवाल, पगड़ी संभाल जट्टा किसान संघर्ष समिति के जिला प्रधान है और किसानों के हक की सशक्त आवाज़ हैं। कोमल ने गांव के राजकीय स्कूल, आदर्श पब्लिक स्कूल और श्री कृष्ण प्रणामी स्कूल से अपनी तालीम ली और अब गुरु द्रोणाचार्य कन्या महाविद्यालय व इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय से स्नातक अध्ययनरत है।
‘साहित्या एक बेबाक परिंदा’ की कविताएं दिल की गहराइयों तक उतरती हैं। नारी की गरिमा को सलाम, मां की ममता को नमन और समाज की खामियों को आईना दिखाती उनकी लेखनी एक सशक्त सैर है। हर पंक्ति एक नई सोच की रोशनी बिखेरती है, जो उम्मीद की किरण बनकर उभरती है। साहित्य प्रेमियों ने इस किताब को दिल से अपनाया है। कोमल को उनकी रचनाओं के लिए पुरुषोत्तम काव्य शिरोमिणी सम्मान 2025 और अतुल्य भारत पुरस्कार 2025 से नवाज़ा गया है।गांव की सरपंच सीमा ने कहा कि ‘कोमल की कविताएं एक नई सोच की बयार हैं, जो समाज को जोड़ती और जगाती हैं।’ इस उपलब्धि ने चुली देशवाली और समूचे हरियाणा का नाम रोशन कर दिया है। साहित्य के चाहने वाले कोमल से आने वाले दिनों में और भी सुंदर रचनाओं की आस लगाए हैं। यह किताब हर उस शख्स के लिए एक अनमोल तोहफा है, जो साहित्य की गोद में बैठकर समाज को नई राह दिखाने का सपना देखता है।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर
