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विपक्ष की आवाज़ दबाने का प्रयास निंदनीय : इंदल हिसार, 15 दिसंबर (Udaipur Kiran) । प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता और पूर्व प्रत्याशी बजरंग इंदल ने कहा है कि देश के सबसे पवित्र दस्तावेज़ भारतीय संविधान और सामाजिक समानता के लिए संघर्षरत डॉ. भीमराव अंबेडकर की विचारधारा पर केंद्र सरकार द्वारा की जा रही बयानबाज़ी एवं कार्रवाहियां अत्यंत चिंताजनक हैं। संसद में हालिया बहस के दौरान संविधान और मनुस्मृति को लेकर सत्ता पक्ष द्वारा किए गए वक्तव्यों ने न केवल विपक्ष की आवाज़ दबाने का प्रयास किया है बल्कि संविधान के मूल आदर्शों पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। बजरंग इंदल ने रविवार को मोदी सरकार से मांग करते हुए कहा कि केंद्र सरकार इस बात पर स्पष्टीकरण दे कि वो मनुस्मृति से प्रेरित नहीं है तथा संविधान के प्रति पूरी तरह समर्पित है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी आवाज़ उठाकर यह स्पष्ट किया है कि संविधान हमारे देश की आत्मा है और किसी भी प्रकार के वैचारिक या संस्थागत हमले को सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि डॉ. अंबेडकर का भारत एक ऐसा भारत था, जहां हर नागरिक को समान अधिकार और अवसर मिले लेकिन आज की सरकार इन मूलभूत अधिकारों और समानता के आदर्शों को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। विपक्ष का यह मानना है कि केंद्र सरकार मनुस्मृति की विचारधारा को बढ़ावा देकर संविधान को दरकिनार करना चाहती है। यह संविधान द्वारा स्थापित समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व के सिद्धांतों का सीधा उल्लंघन है।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर
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