हकृवि में विलुप्त होती लोक कलाओं पर कार्यक्रम आयोजित
हिसार, 22 नवंबर (Udaipur Kiran) । हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने कहा है कि हमारे देश की संस्कृति विश्व में सर्वोपरि है। प्राचीन संस्कृति एवं लोक कलाओं को सजीव रखने में लोक कलाकारों की अहम भूमिका है।
कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज शुक्रवार को हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मौलिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय में उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार एवं छात्र कल्याण निदेशालय द्वारा संयुक्त रूप से विलुप्त होती लोक कलाओं पर आधारित लोक विरासत आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विलुप्त होती लोक कलाओं को जीवित रखने के लिए इसका प्रचार-प्रसार करना अति आवश्यक है ताकि अधिक से अधिक लोगों को इनके बारे में जानकारी उपलब्ध हो सके। लोक विरासत कार्यक्रम में कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किए गए कार्यकर्मों की उन्होंने भरपूर प्रशंसा की।
लोक गाथा कार्यक्रम में हंसलाल एंड पार्टी के लोक कलाकारों ने श्रवण भगत, हीर रांझा तथा जुगनी के माध्यम से दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। सारंगी ग्रुप में इंद्र लाम्बा एंड पार्टी के सदस्यों ने प्राचीन वाद्य यंत्रों के माध्यम से सारंगी की बेहतर प्रस्तुतियां दी।
राजकुमार एंड पार्टी के कलाकारों ने जोगी बीन की सदाबहार धुन पर आधारित अपना कार्यक्रम प्रस्तुत किया। नुक्कड़ नाटक के माध्यम से मनीष जोशी एंड पार्टी ने अपनी साझी विरासत थीम पर आधारित नाटक प्रस्तुत करके दशकों से वाहीवाही लूटी। सहायक प्रो. डॉ. संध्या शर्मा ने पिंगला भरथरी सांग की प्रस्तुति देकर युवाओं को सांग के महत्व के बारे में विस्तृत जानकारी दी। डॉ. संध्या शर्मा हरियाणा प्रदेश की एकमात्र महिला कलाकार हैं जो सांग का प्रचार-प्रसार एवं इसे प्रोत्साहित करने में अह्म भूमिका निभा रही हैं। कार्यक्रम में लोक कलाकारों ने ग्रुप डांस और फॉक डांस के माध्यम से संस्कृति और लोक कलाओं का सजीव चित्रण प्रस्तुत किया। छात्र कल्याण निदेशक डॉ. मदन खीचड़ ने सभी का स्वागत करते हुए हरियाणवी संस्कृति एवं लोक कलाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। मंच संचालन डॉ. जतेश काठपालिया ने किया। इसके तहत हरियाणा में अंबाला, करनाल तथा हिसार में कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं। इस अवसर पर विभिन्न महाविद्यालयों के अधिष्ठाता, निदेशक, अधिकारी, शिक्षक, गैर शिक्षक कर्मचारी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर