
चिकित्सा उपकरणों, निदान व वैकल्पिक चिकित्सा के क्षेत्र में दोनों संस्थान मिलकर करेंगे कार्यहिसार, 30 मई (Udaipur Kiran) । गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय और बीआर ग्रुप, डेनमार्क के बीच हाइब्रिड मोड में आयोजित एक समारोह में मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) हुआ है। गुजविप्रौवि की ओर से कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने और बीआर ग्रुप, डेनमार्क की ओर से संस्थापक एवं सीईओ डॉ. बलवंत राय ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। गुजविप्रौवि के कुलसचिव डॉ. विजय कुमार, डीन इंटरनेशनल अफेयर्स प्रो. नमिता सिंह, बीआर ग्रुप की इंटरनेशनल कमेटी के प्रमुख डॉ. पॉल डी. सलोवे तथा उपाध्यक्ष एवं सह-संस्थापक डॉ. जसदीप कौर ने गवाह के रूप में एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर गुजविप्रौवि की ओर से प्रो. संदीप आर्य, प्रो. सुमित्रा सिंह, प्रो. सुनील शर्मा व प्रो. कर्मपाल नरवाल तथा बीआर ग्रुप की ओर से सलाहकार डा. रजनीश के. जैन व निदेशक हरभजन सिंह भी उपस्थित रहे।कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने शुक्रवार काे कहा कि यह एमओयू विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों, शोधार्थियों व शिक्षकों के लिए लाभकारी होगा। इस एमओयू के माध्यम से गुजविप्रौवि तथा बीआर ग्रुप के आपसी सहयोग से चिकित्सा उपकरणों, निदान और वैकल्पिक चिकित्सा के क्षेत्र में संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं को बढ़ावा मिलेगा। दोनों संस्थान वास्तविक दुनिया के औद्योगिक अनुप्रयोगों में विद्यार्थियों के लिए कौशल विकास कार्यक्रम और व्यावहारिक प्रशिक्षण आयोजित करेंगे। दोनों संस्थान संयुक्त इनक्यूबेशन कार्यक्रमों के माध्यम से उद्यमशीलता की पहलों के लिए समर्थन करेंगे। संस्थान राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान अनुदानों के लिए संयुक्त वित्त पोषण प्रस्तावों का विकास सुनिश्चित करेंगे। संस्थान नवाचार को बढ़ाने के लिए वैज्ञानिक, तकनीकी और वाणिज्यिक विशेषज्ञता का आदान-प्रदान करेंगे।बीआर ग्रुप के अध्यक्ष एवं संस्थापक डॉ. बलवंत राय ने कहा कि बीआर ग्रुप नए चिकित्सा उपकरणों और दवाओं के विकास में विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त अग्रणी संस्थान है। यह संस्थान दवा विकास में तेजी लाने, विनिर्माण को सुव्यवस्थित करने और व्यावसायिक सफलता के लिए जुड़ाव बढ़ाने के लिए लक्षित विशेषज्ञता को एकीकृत करके सटीक चिकित्सा को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। बीआर ग्रुप ऑफ कंपनीज एक गतिशील संघ है, जिसमें स्टार्टअप, अनुसंधान और विकास केंद्र, नियामक विशेषज्ञ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों तरह की विनिर्माण इकाइयां शामिल हैं। उन्होंने भी खुशी व्यक्त की और कहा कि यह एमओयू दोनों संस्थानों के लिए बेहद फायदेमंद है।कुलसचिव डॉ. विजय कुमार ने कहा कि दोनों संस्थान नवीन प्रौद्योगिकियों के व्यावसायीकरण और संयुक्त रूप से स्टार्टअप उपक्रमों का समर्थन करने के लिए विशेषज्ञता, संसाधनों और अंतर्दृष्टि का आदान-प्रदान करेंगे। सीआईआईपी के निदेशक प्रो. कर्मपाल नरवाल ने प्रतिनिधिमंडल के साथ सीआईआईपी के मौजूदा दिशा-निर्देशों पर चर्चा की।डीन इंटरनेशनल अफेयर्स प्रो. नमिता सिंह ने विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में चल रही मौजूदा शोध परियोजनाओं और विश्वविद्यालय में उपलब्ध विशेषज्ञता से परिचय कराया। प्रो. संदीप आर्य ने विश्वविद्यालय में चल रही विभिन्न प्रोजेक्टस में भविष्य के सहयोग और विश्वविद्यालय में उपलब्ध विशेषज्ञता के बारे में जानकारी दी। प्रो. सुमित्रा सिंह और प्रो. सुनील शर्मा ने फार्मास्युटिकल विभाग में उपलब्ध सुविधाओं पर चर्चा की।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर
