हिसार, 3 जनवरी (Udaipur Kiran) । अंतरराष्ट्रीय धर्म प्रचारक व कथा वाचक बाबा बंता
सिंह मुंडा पिंड वाले ने कहा है कि अकाल पुरख यानि भगवान और भगवान का अवतार दोनों अलग-अलग
है। उन्होंने कहा कि भगवान एक है और भगवान के अवतार अनेक हुए हैं। गुरुद्वारा सिंह सभा, नागोरी गेट में शुक्रवार को संगतों को संबोधित करते हुए
बाबा बंता सिंह ने कहा कि भगवान यानि अकाल पुरख पूरी दुनिया सारे ब्रह्मांड में एक
ही है लेकिन भगवान के अवतार एक से ज्यादा है। भगवान के अवतार दुनिया में पहले भी आते
रहे हैं और आगे भी आते रहेंगे। उन्होंने कहा कि भगवान के अवतारों का काम सिर्फ धर्म
की स्थापना करना है।
इस काम के लिए भगवान इन्हें बहुत सारी जरूरी शक्तियां भी देकर
भेजते हैं लेकिन यह अवतार यदि धर्म की स्थापना के शुभ कार्य से भटक जाते हैं तो इन
अवतारों की शक्तियां खत्म हो जाती हैं और यह साधारण मनुष्य बनकर रह जाते हैं। उन्होंने
कहा कि श्रीराम, श्रीकृष्ण, यीशु मसीह, गुरु नानक देव से गुरु गोबिंद सिंह आदि कई अवतार
इस दुनिया में आए और धर्म की स्थापना की। उन्होंने कहा कि धर्म प्रेम, प्यार, दया,
मानवता और भाईचारे का सुमेल है। उन्होंने कहा कि लालच देकर या तलवार के जोर पर धर्म
परिवर्तित करना कोई धर्म नहीं है। इससे एक विशेष व्यक्ति या किसी राजा के राज्य की
सीमाएं फैल सकती हैं, धर्म की दृष्टि से ऐसा करना सिर्फ एक पाप है और धर्म सिर्फ प्यार
से ही फैलाया जा सकता है।
बाबा बंता सिंह ने गुरु गोविंद सिंह द्वारा सजाई खालसा पंथ के इतिहास पर प्रकाश
डालते हुए कहा कि औरंगज़ेब जैसे निर्दयी राजाओं की हजारों खूनी तलवारें खालसा पंथ को
खत्म ना कर सकी और ना भविष्य में कभी कर सकेंगी। सिख इतिहास के पन्ने पलटते हुए उन्होंने
बताया कि जब गुरुजी के चारों साहिबजदों को शहीद कर दिया गया था तो उसके बाद गुरु गोविंद
सिंह ने हिंदुस्तान के बादशाह औरंगजेब को हुकमनामा लिखकर भेजा था कि तुमने सिर्फ मासूम
बच्चों का क़त्ल किया है पर बच्चों का बाप तेरा असली दुश्मन खालसा पंथ अभी जिंदा है
और तू उसके फल और कोप से बच नहीं सकेगा। उन्होंने कहा कि इतिहास में दर्ज है कि बाद
में ऐसा ही हुआ भी। बाबा बंता सिंह को सिंह सभा नागोरी गेट के प्रधान कर्मजीत सिंह, जसविंदर सिंह,
कार्यक्रम के संयोजक बक्शीश सिंह और अन्य सदस्यों ने सरोपा देकर सम्मानित किया।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर