
मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केन्द्र (एमएमटीटीसी) के सौजन्य से पीएचडी इंटरेक्शन
कार्यक्रम शुरू
हिसार, 19 मई (Udaipur Kiran) । गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय
के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा है शोध तभी सार्थक हो सकता है जब वह राष्ट्र
व समाज के कल्याण के लिए हो। जमीनी स्तर पर अच्छी तरह से किया गया शोध जीवन को आकार
दे सकता है। कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई
साेमवार काे विश्वविद्यालय के मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केन्द्र (एमएमटीटीसी) के सौजन्य से
शुरू किए गए पीएचडी इंटरेक्शन कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
समारोह
की अध्यक्षता एमएमटीटीसी की निदेशिका प्रो. सुनीता रानी ने की। इस अवसर पर कोर्स कोऑर्डिनेटर एवं एमएमटीटीसी के
उपनिदेशक डा. हरदेव व कोर्स कोऑर्डिनेटर डा. अनुराग सांगवान उपस्थित रहे। पीएम-ऊषा
द्वारा प्रायोजित यह कार्यक्रम 24 मई तक चलेगा।
कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने पीएचडी शोधार्थियों को संबोधित करते हुए
कहा कि वे शोध को बढ़ावा दें तथा उच्च स्तरीय शोध कार्य करके समाज व राष्ट्र के विकास
में अपना योगदान दें। उन्होंने कहा कि एक अच्छा शोध केवल डिग्री पाने के लिए नहीं बल्कि
देश व समाज के लिए उपयोगी होता है। उन्होंने कहा कि एक अच्छा शोध संसाधनों को बचा सकता
है और नीति को प्रभावित कर सकता है। शोध हमेशा अंतरराष्ट्रीय पेटेंट के बारे में नहीं
होता। कभी-कभी एक छोटा सा नवाचार एक नई अंतर्दृष्टि व स्थायी परिवर्तन का कारण बन सकता
है।
कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने बताया कि वर्तमान डिजिटल युग में शोधार्थियों
को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी सहायता तकनीकें उपलब्ध हैं। याद रखें कि ये केवल सहायता
प्रणाली हैं, आपके दिमाग का विकल्प नहीं हैं। इन तकनीकों का उपयोग नियंत्रण में करें।
ये तकनीकें आपकी मदद कर सकती हैं, लेकिन वास्तविक सोच आपकी होनी चाहिए। उन्होंने विश्वविद्यालय
की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि गुरु जम्भेश्वर जी महाराज के नाम पर स्थापित
इस विश्वविद्यालय ने एक अग्रणी शोध संस्थान के रूप में अपनी पहचान बनाई है। विश्वविद्यालय
ने स्कोपस में अनुक्रमित 5357 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित किए हैं, जिसमें संचयी उद्धरण
संख्या एक लाख 15 हजार से अधिक है। विश्वविद्यालय का एच-इंडेक्स 132 है, जो कि इस क्षेत्र
में सर्वाधिक है। उन्होंने प्रतिभागियों को फंडिंग एजेंसियों के बारे में भी विस्तृत
रूप से बताया।
एमएमटीटीसी की निदेशिका प्रो. सुनीता रानी ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि
इस कार्यक्रम में दो समूहों में 84 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। साइंस एंड इंजीनियरिंग
समूह में 54 तथा ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंस समूह में 30 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम प्रतिभागियों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा। कोर्स
कोऑर्डिनेटर डा. अनुराग सांगवान ने कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की। उप निदेशक
एवं कोर्स कोऑर्डिनेटर डा. हरदेव ने धन्यवाद सम्बोधन किया।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर
