Haryana

हिसार : कम लागत में शुरू किया जा सकता मशरूम उत्पादन का व्यवसाय : डॉ. अशोक गोदारा

मशरूम उत्पादन तकनीक पर प्रशिक्षण के समापन अवसर पर विशेषज्ञ प्रतिभागियों के साथ।

हकृवि में मशरूम उत्पादन तकनीक पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न

हिसार, 25 जनवरी (Udaipur Kiran) । हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के सायना नेहवाल कृषि

प्रौद्योगिकी, प्रशिक्षण एवं शिक्षा संस्थान में मशरूम उत्पादन तकनीक पर तीन दिवसीय

दो प्रशिक्षण संपन्न हुए। इन प्रशिक्षणों में 50 प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया। संस्थान

में विभिन्न विषयों पर पूरा वर्ष किसानों, बेरोजगार युवाओं इत्यादि के कौशल विकास के

लिए प्रशिक्षण आयोजित किए जाते हैं।

संस्थान के सह निदेशक (प्रशिक्षण) डॉ. अशोक कुमार गोदारा ने शनिवार को बताया

कि मशरूम उत्पादन एक ऐसा व्यवसाय है जिसे कम से कम लागत में शुरू किया जा सकता है।

यही नहीं भूमिहीन, शिक्षित एवं अशिक्षित, युवक व युवतियां इसे स्व-रोजगार के रूप में

अपनाकर स्वावलंबी बन सकते हैं। मशरूम उत्पादन के लिए कृषि अवशेषों का इस्तेमाल किया

जाता है जिससे खाद्य सुरक्षा की सुनिश्चिता के साथ-साथ वायु प्रदूषण से भी निजात मिलेगी।

उन्होंने बताया कि खासकर भूमिहीन, शिक्षित एवं अशिक्षित युवक व युवतियां इसे स्वरोजगार

के रूप में अपना सकते है तथा सारा वर्ष भी मशरूम की विभिन्न प्रजातियों जिनमें सफ़ेद

बटन मशरूम, ओयस्टर या ढींगरी, मिल्की या दूधिया मशरूम, धान के पुवाल की मशरूम इत्यादि

उगाकर सारा साल मौसम के हिसाब से इसका उत्पादन किया जा सकता है।

प्रशिक्षण के संयोजक डॉ. सतीश कुमार मेहता ने बताया कि मशरूम की विभिन्न प्रजातियां

उगाकर पूरा वर्ष इसका उत्पादन किया जा सकता है। देश तथा प्रदेश सरकार द्वारा भी किसानों

तथा बेरोजगार युवाओं को मशरूम उत्पादन को एक व्यवसाय के रूप में अपनाने के लिए प्रोत्साहन

दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण दौरान डॉ. डीके शर्मा, डॉ. विकास कंबोज, डॉ. राकेश चुघ,

डॉ. अमोघवर्षा, डॉ. संदीप भाकर, डॉ. पवित्रा मोर्य व डॉ. भूपेन्द्र सिंह ने मशरूम उत्पादन

से संबंधित विषयों पर व्याख्यान दिए।

(Udaipur Kiran) / राजेश्वर

Most Popular

To Top