Haryana

हिसार: मानव कल्याण, पर्यावरण व जीव रक्षा के लिए काम कर रहा बिश्नोई समाज : कुलदीप बिश्नोई

कार्यक्रम को संबोधित करते कुलदीप बिश्नोई।
शहीद मां अमृता देवी की प्रतिमा का अनावरण करते कुलदीप बिश्नोई।

रावतखेड़ा बिश्नोई मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे समाज के प्रबुद्धजन

शहीद मां अमृता देवी की प्रतिमा का किया अनावरण

हिसार, 4 अगस्त (Udaipur Kiran) । अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के संरक्षक बिश्नोई रत्न कुलदीप बिश्नोई ने कहा है कि गुरू जंभेश्वर महाराज ने संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए बिश्नोई धर्म की स्थापना की थी। बिश्नोई समाज सदैव ने सदैव मानवता के कल्याण के साथ-साथ पर्यावरण व जीव रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर किया है।

कुलदीप बिश्नोई रविवार को नलवा हलके के गांव रावतखेड़ा के साथरी मंदिर में सावन अमावस्या पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने स्वामी रामानंद आशीर्वाद लिया तथा खेजड़ली वृक्ष के लिए शहीद हुई मां अमृता देवी की प्रतिमा का अनावरण किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेन्द्र बुडिया ने की। कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि रावतखेड़ा ऐतिहासिक गांव है जहां पर गुरू जंभेश्वर महाराज जी का भी आगमन हुआ था। समाज के उत्थान के लिए मेरे पिता चौ. भजनलाल जी ने अनेक कदम उठाए। चौ. भजनलाल जी ने ही पर्यावरण अदालतों का गठन किया। वर्ष 1971 में कृषि मंत्री रहते हुए उन्होंने वन्य प्राणियों के शिकार पर बैन लगाने के आदेश पारित करवाए। इसी तरह से 27 अगस्त 1979 को चौ. भजनलाल ने पंजाब के बिश्नाेई बाहुल्य अबोहर इलाके को वाइल्ड लाइफ सैंचूरी घोषित करवाया।

खास बात यह है कि चौ. भजनलाल ने गांवों में किसानों को मुफ्त पौधे बांटने की पहल की। खेजड़ी को उन्होंने राजस्थान का राज्य वृक्ष घोषित करवाया तो खेजड़ी के पेड़ पर डाक टिकट भी जारी करवाया। हिसार में उन्होंने गुरु जभेंश्वर महाराज के नाम से एक आधुनिक विश्वविद्यालय की स्थापना करवाई थी। उन्हीं के पदचिन्हों पर चलते हुए वे निरंतर समाज के उत्थान की दिशा में कार्य करने का प्रयास कर हैं। उन्होंने कहा कि जब से देवेन्द्र बुड़िया महासभा के अध्यक्ष बने है, तब से वे लगातार समाज हित में काम कर रहे हैं। कार्यक्रम में उपरोक्त के अलावा रणधीर पनिहार, वरिष्ठ उपप्रधान सुभाष देहडू, बिश्नोई सभा हिसार के प्रधान जगदीश कड़वासरा रामचन्द्र गोदारा, श्रीराम सिघड़ सरपंच, सुरेन्द्र, बलदेव खोखर, सहदेव कालीराणा, राजाराम खिचड़, निहाल सिंह गोदारा, बलदेव लोहमरोड, विजय सिंह देहडू सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

(Udaipur Kiran) / राजेश्वर / SANJEEV SHARMA

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